मिर्च किसानों को बड़ी राहत, अब केंद्र करेगी नुकसान की भरपाई

इस योजना में शुरुआत में राज्य सरकार किसानों के खाते में पैसे जमा करेगी. फिर केंद्र सरकार राज्य सरकार को उस राशि का 50 प्रतिशत वापस देगी. यानी खर्च का आधा हिस्सा राज्य और आधा केंद्र सरकार मिलकर उठाएंगे.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 9 May, 2025 | 02:48 PM

तेलंगाना के मिर्च उत्पादक किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. पिछले कुछ महीनों से किसान अपनी मेहनत की उपज को बेहद कम दामों पर बेचने को मजबूर थे. हालात ऐसे हो गए थे कि लाल मिर्च उगाने की लागत भी नहीं निकल रही थी. लेकिन अब केंद्र सरकार ने इन किसानों को राहत देने के लिए एक अहम कदम उठाया है.

केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने किसानों की परेशानियों को गंभीरता से लेते हुए कृषि मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की थी. इसके बाद कृषि मंत्रालय ने “बाजार हस्तक्षेप योजना” (Market Intervention Scheme – MIS) के तहत तेलंगाना के मिर्च किसानों को आर्थिक मदद देने का फैसला किया है. इस योजना के तहत सरकार मूल्य अंतर भुगतान (Price Deficiency Payment – PDP) करेगी यानी उत्पादन लागत और बाजार मूल्य के बीच के नुकसान की भरपाई करेगी.

किसानों को मिलेगा लाभ

सरकार ने स्पष्ट किया है कि योजना के तहत 2024-25 के लिए तेलंगाना में 6.88 लाख मीट्रिक टन मिर्च उत्पादन में से 25 प्रतिशत (1.72 लाख मीट्रिक टन) को कवर किया जाएगा. यह मदद उन किसानों को दी जाएगी जो विशेष रूप से जयशंकर भूपालपल्ली, खम्मम, महबूबाबाद, सूर्यापेट, मुलुगु, वारंगल, हनमकोंडा जैसे जिलों में बड़े पैमाने पर मिर्च की खेती करते हैं.

क्या मिलेगा किसानों को?

फिलहाल मिर्च का बाजार भाव 5,000 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है, जबकि उत्पादन की लागत कहीं ज्यादा है. इस वजह से किसानों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा था. अब सरकार ने मिर्च का समर्थन मूल्य 10,374 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. यानी किसान को यदि बाजार में कम दाम मिलते हैं, तो सरकार अंतर की राशि सीधे बैंक खाते में जमा करेगी.

किसानों तक ऐसे पहुंचेगा पैसा

इस योजना में शुरुआत में राज्य सरकार किसानों के खाते में पैसे जमा करेगी. फिर केंद्र सरकार राज्य सरकार को उस राशि का 50 प्रतिशत वापस देगी. यानी खर्च का आधा हिस्सा राज्य और आधा केंद्र सरकार मिलकर उठाएंगे.

क्यों जरूरी हो गया था सरकारी हस्तक्षेप?

तेलंगाना में मिर्च किसान लगातार शोषण का शिकार हो रहे थे. बाजार में बिचौलिये बेहद कम कीमतों पर मिर्च खरीद रहे थे. मंत्री किशन रेड्डी ने आरोप लगाया था कि राज्य के अधिकारी किसानों को न्याय दिलाने में नाकाम रहे हैं और बिचौलियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसी के चलते उन्होंने केंद्र से सीधा हस्तक्षेप करने की मांग की थी.

इस योजना से तेलंगाना के हजारों मिर्च किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. उन्हें अब अपनी उपज का वाजिब दाम मिलेगा और आर्थिक तंगी से कुछ हद तक राहत मिलेगी. कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि योजना को तुरंत लागू किया जाए ताकि किसान जल्द से जल्द इसका फायदा उठा सकें.

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Published: 9 May, 2025 | 02:45 PM

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