सबसे बड़ा दूध उत्पादक बनने की ओर मध्य प्रदेश, किसानों की डेयरी से दूध खरीदेगी सरकार

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य को देश का शीर्ष दूध उत्पादक बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें किसानों को डेयरी यूनिट लगाने के लिए 25 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 29 May, 2025 | 09:00 AM
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मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य को देश का नंबर एक दूध उत्पादक बनाने का बड़ा लक्ष्य रखा है. सीएम डॉ. मोहन यादव ने हाटपीपल्या, जिला देवास में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इस दिशा में कई महत्वाकांक्षी योजनाओं और कदमों की घोषणा की. राज्य में दूध उत्पादन का वर्तमान हिस्सा लगभग 9 फीसदी है, लेकिन सरकार की नई पहल से यह बढ़कर देश में शीर्ष स्थान पर पहुंच जाएगा. इसके अलावा हादसाग्रस्तों को अस्पताल पहुंचाने वाले को आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं, जो प्रदेश के समग्र विकास को मजबूत करेंगी.

25 फीसदी अनुदान और पूरा दूध खरीदेगी सरकार

सीएम मोहन यादव ने कहा कि राज्य में डेयरी सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को 25 फीसदी अनुदान दिया जाएगा. जो किसान 25 या उससे अधिक गाय-भैंस के डेयरी यूनिट लगाएंगे, उन्हें सरकार इस योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान करेगी. उदाहरण के तौर पर यदि कोई किसान 200 गायों का डेयरी सेटअप करता है, जिसकी लागत लगभग 1-1 लाख रुपये प्रति गाय हो तो उसे 50 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा. इसके अलावा, सरकार किसानों के दूध को भी पूरी तरह खरीदेगी, जिससे उनकी आमदनी स्थिर और बढ़ेगी.

आवारा और अपाहिज पशुओं का रख-रखाव

सरकार ने आवारा, लावारिस और अपाहिज गायों के लिए पशुशाला बनाने और उनकी देखभाल के लिए भी वित्तीय मदद का प्रावधान किया है. किसानों को इन पशुओं के रख-रखाव का पूरा खर्च दिया जाएगा.

दुर्घटना पीड़ितों को मदद

इसके अलावा, सड़क हादसों में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले को 25,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की गई. इससे सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा सेवा की संभावना बनेगी.

विधवा विवाह और महिला सशक्तिकरण

सीएम मोहन यादव ने विधवा विवाह के लिए दो लाख रुपये की अनुदान राशि देने की भी घोषणा की, ताकि समाज में इस परंपरा को बढ़ावा मिल सके. साथ ही, ‘लखपति दीदी योजना’ के तहत स्वयं सहायता समूह की बहनों को सालाना एक लाख रुपये की आय अर्जित करने के योग्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है. बैतूल जिले में आयोजित सम्मेलन में 463.55 करोड़ रुपये की लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन हुआ. इस दौरान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को उनके स्टार्टअप में निवेश के लिए 8.5 करोड़ रुपये के इंटेंट टू इन्वेस्ट लेटर भी दिए गए. ये पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज में आत्मसम्मान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं.

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Published: 29 May, 2025 | 09:00 AM
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