गोशाला बनेगा कमाई का जरिया, कामधेनु योजना से मिलेगी जमीन, चलेंगे गौ-उद्योग

मध्यप्रदेश सरकार की कामधेनु योजना 2025 के तहत गोपालकों को गौशालाओं के संचालन के लिए सरकारी जमीन दी जाएगी. इस जमीन पर पंचगव्य, बायोगैस, ऑर्गेनिक खाद जैसे गौ-आधारित उद्योग चलाकर गौसंरक्षण को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाया जाएगा.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 25 May, 2025 | 06:43 PM

मध्यप्रदेश सरकार ने गौ संरक्षण और संवर्धन के लिए एक नई पहल शुरू की है. ‘स्वावलंबी गौशाला (कामधेनु निवास) स्थापना नीति 2025’ के तहत अब गोपालक संस्थाओं को सरकारी जमीन पर व्यवसायिक गतिविधियां संचालित करने का अधिकार मिलेगा. इस नीति का उद्देश्य गौशालाओं को सिर्फ संरक्षण का केंद्र नहीं बल्कि आर्थिक रूप से स्वावलंबी और फायदेमंद बनाना है. इस खबर में जानिए इस नीति के मुख्य बिंदु, गोपालकों के लिए मिलने वाले अवसर और गौशालाओं में नए कारोबार के संभावित मॉडल.

गोपालकों को मिलेगी जमीन और अधिकार

मध्यप्रदेश सरकार ने गायों के सहारे कमाई और रोजगार का मॉडल तैयार कर लिया है. ‘स्वावलंबी गौशाला’ यानी कामधेनु निवास नीति 2025 के तहत गोपालक संस्थाओं को अब सरकारी जमीन का उपयोग करने का अधिकार मिलेगा. जमीन भी मामूली नहीं, 5 हजार गौवंश के पालन पर मिलेंगे 125 एकड़ तक जमीन. हर 1 हजार अतिरिक्त गाय पर 25 एकड़ और 5 एकड़ बिजनेस के लिए भी. यह भूमि पशुपालन एवं डेयरी विभाग के स्वामित्व में रहेगी लेकिन इसका संचालन गोपालक संस्था के जिम्मे होगा.

यानी सरकार का मकसद साफ है कि गायों की सेवा और कमाई साथ-साथ सरकार चाहती है कि गौशालाएं सिर्फ गोसेवा का केंद्र न बनें, बल्कि पंचगव्य, बायोगैस, ऑर्गेनिक खाद, दूध प्रसंस्करण, सोलर एनर्जी और आयुष ट्रीटमेंट जैसे कारोबार से खुद को आर्थिक रूप से मजबूत करें.

कितनी जमीन मिलेगी

  • 5000 गौवंश की देखभाल पर 125 एकड़ सरकारी जमीन
  • हर 1000 अतिरिक्त गौवंश पर 25 एकड़ और
  • व्यावसायिक गतिविधियों के लिए 5 एकड़ अतिरिक्त जमीन मिलेगी

हालांकि, जमीन का स्वामित्व पशुपालन एवं डेयरी विभाग के पास रहेगा. संचालन और विकास की जिम्मेदारी गोपालक संस्था को दी जाएगी.

 animal husbandry subsidy scheme

Dairy Business Scheme Madhya Pradesh

कौन कर सकता है आवेदन

  • पंजीकृत फर्म, ट्रस्ट, सोसायटी, कंपनी या कंसोर्टियम
  • अधिकतम 5 संस्थाओं वाला कंसोर्टियम मान्य
  • इससे जिम्मेदार और सक्षम संस्थाओं को प्राथमिकता मिलेगी

स्वावलंबी गौशाला का सपना

मध्यप्रदेश सरकार का लक्ष्य गौ संरक्षण को केवल धार्मिक या सांस्कृतिक पहलू तक सीमित न रखते हुए उसे आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है. इस नीति के माध्यम से गोपालकों को उद्योग चलाने, रोजगार सृजन करने और गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने का अवसर मिलेगा. इससे न केवल गौ संरक्षण होगा बल्कि ग्रामीण विकास, जैविक ऊर्जा और कृषि की उन्नति में भी मदद मिलेगी. सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा लैंड बैंक तैयार कर इस योजना को और प्रभावी बनाने की तैयारी की जा रही है. कामधेनु नीति से मध्यप्रदेश में गौ संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि की नई कहानी लिखी जाएगी.

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Published: 25 May, 2025 | 06:43 PM

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