अगर आप भी मछली पकड़ने का शौक रखते हैं और सोचते हैं कि बस कांटा लेकर झील, तालाब या नदी के किनारे बैठ जाने से मछलियां खुद चलकर आपके चंगुल में आ जाएंगी तो जरा रुकिए. मछली पकड़ना जितना आसान दिखता है, उतना है नहीं. इसके लिए सही जगह, मौसम, समय और थोड़ी चालाकी भरी तरकीब लगाना और जानना बहुत जरूरी है.
काफी अहम है सही जगह का चुनाव
मछली पकड़ने के लिए सबसे पहले ऐसी जगह चुनें जहां पानी साफ हो और मछलियों की भरमार हो. आपके आसपास अगर कोई बड़ी झील, बहती नदी या तालाब है तो वहीं जाएं. ध्यान रहे, ऐसी जगह पर बैठें जहां लंबे समय तक आराम से रुका जा सके.
मछली पकड़ने के लिए नदी या तालाब के किनारे निर्जन स्थान, यानी शांत और कम भीड़-भाड़ वाली जगहें ज्यादा बेहतर होती हैं. इसके अलावा, शहर के बाहर के इलाकों में नदी के तटबंध (levees) भी इसके लिए बढ़िया ऑप्शन हैं. बस ध्यान रखें कि आप किसी की निजी जमीन या प्रतिबंधित क्षेत्र में फिशिंग न करें. इससे कानूनी दिक्कत हो सकती है.
मौसम और समय का रखें पूरा ख्याल
मछलियां भी मौसम और समय के हिसाब से अपना मूवमेंट करती हैं. बसंत (spring) और पतझड़ (autumn) के मौसम में मछलियां किनारों के पास आ जाती हैं. क्योंकि यह उनका खाने और जाड़े की तैयारी का वक्त होता है. इस समय मछलियां आसानी से मिलती हैं.
मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गर्मी के मौसम में वे गहरे पानी में चली जाती हैं, ऐसे में अगर आप किनारे पर बैठे हैं तो मछली पकड़ना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. ऐसे वक्त में नाव की मदद से पानी के बीच में जाकर कांटा डालना फायदेमंद होता है.
समुद्र में फिशिंग करनी है तो लाइसेंस जरूर लें
अगर आप समुद्रतटीय क्षेत्र में रहते हैं और समुद्र में मछली पकड़ना चाहते हैं तो उसके लिए फिशिंग लाइसेंस लेना जरूरी होता है. इसके साथ ही आपको खास किस्म के फिशिंग रॉड्स और चारे (bait) की भी जरूरत पड़ेगी. समुद्र की फिशिंग मीठे पानी की तुलना में थोड़ी तकनीकी हो सकती है, लेकिन अनुभव होने पर इसमें मजा भी दोगुना होता है. वहीं, समुद्र की मछलियां आकार में बड़ी होती हैं और बाजार में इनके अच्छे दाम मिलते हैं.
चारा और चालाकी ही है असली गेम
मछली पकड़ने का असली कमाल है चारा और धैर्य. आप जिस मछली को पकड़ना चाहते हैं, उसकी पसंद का चारा ही डालें. यही नहीं मछलियों की अलग-अलग प्रजातियां अलग तरह का चारा पसंद करती हैं. जैसे कुछ को कीड़े, कुछ को आटा तो कुछ को रोटी या ब्रेड पसंद है.
ध्यान रखें कि चारा डालते वक्त पानी में हलचल न हो, क्योंकि मछली बहुत जल्दी सतर्क हो जाती है. कांटा (हुक) लगाने के बाद ध्यान से देखें, जैसे ही कांटे में हलचल हो, तुरंत खींचें. कई बार मछली कांटे को खींचती है लेकिन निकालने से पहले भाग जाती है. यहां धैर्य और पकड़ दोनों की जरूरत होती है.