गांव हो या शहर, घरों में इस्तेमाल होने वाला दूध अक्सर सीधे डेयरी या पशुपालकों से आता है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या गर्भवती गाय या भैंस का दूध पीना सुरक्षित है? बहुत से लोग इस बारे में भ्रम में रहते हैं कि कहीं यह दूध शरीर को नुकसान तो नहीं पहुंचाता. विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान दूध में पोषक तत्व अधिक होते हैं, लेकिन कुछ सावधानियां बेहद जरूरी हैं. सही जानकारी और सही इस्तेमाल से यह दूध फायदेमंद हो सकता है.
गर्भवती गाय-भैंस का दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है
गर्भावस्था के दौरान गाय या भैंस के दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन, मिनरल्स और जरूरी फैटी एसिड की मात्रा सामान्य से ज्यादा हो सकती है. यह दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद कर सकता है. इसमें मौजूद एंटीबॉडीज शरीर को इंफेक्शन से लड़ने में भी मदद करती हैं. इस कारण यह दूध पोषण की दृष्टि से अच्छा माना जाता है, लेकिन सबके लिए नहीं.
हार्मोनल बदलाव से दूध की गुणवत्ता में आ सकता है फर्क
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गर्भवती पशु के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो सीधे दूध की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं. खासकर छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए यह दूध नुकसानदेह हो सकता है. क्योंकि हार्मोन का असंतुलन शरीर पर नकारात्मक असर डाल सकता है. इसलिए इस दूध का सेवन करने से पहले उबालना बहुत जरूरी है.
पशु की सेहत पर भी पड़ सकता है असर
गर्भवती गाय या भैंस से जरूरत से ज्यादा दूध निकालने पर उसके शरीर में कमजोरी आ सकती है. यह सीधे उसके गर्भ में पल रहे बछड़े के विकास को प्रभावित कर सकता है. गर्भावस्था के समय पशु का शरीर शिशु के पोषण में लगा होता है, इसलिए यदि दूध ज्यादा निकाला जाए तो मां और बच्चे दोनों की सेहत पर असर पड़ सकता है. इस वजह से दूध निकालने की मात्रा सीमित रखनी चाहिए.
पशु को दें संतुलित और पोषक आहार
गर्भवती पशु को विशेष देखभाल की जरूरत होती है. उसके आहार में हरा चारा, सूखा चारा, खनिज मिश्रण और प्रोटीन युक्त दाने शामिल करें, जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे का संपूर्ण विकास हो सके. साथ ही पशु की सेहत भी बनी रहे. शरीर में पोषण की कमी होगी तो दूध की गुणवत्ता और मात्रा दोनों पर असर पड़ेगा.
दूध पीने से पहले विशेषज्ञ से लें सलाह
अगर गर्भवती गाय या भैंस का दूध सेवन करना हो तो पहले किसी पशु चिकित्सा विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. साथ ही यह सुनिश्चित करें कि दूध अच्छी तरह उबाला गया है. कच्चा दूध न पिएं क्योंकि उसमें संक्रमण और हार्मोनल तत्वों के कारण सेहत को खतरा हो सकता है. खासतौर पर छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को यह दूध बिना सलाह के नहीं देना चाहिए.