मध्यप्रदेश की सुबहें इन दिनों कुछ अलग ही दिख रही हैं. गांवों में खेतों के बीच मौजूद तालाबों में पानी लहरा रहा है और किसान सिर्फ फसल नहीं, बल्कि अब पानी में भी सोना उगाने की तैयारी कर रहे हैं. क्योंकि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत जिले में फिर से मछली पालन के लिए आवेदन शुरू हो चुके हैं और मौका ऐसा है जिसे हाथ से निकलने देना नुकसान ही होगा.
मछली पालन शुरू करने वालों के लिए बड़ा मौका
अगर कोई किसान मछली पालन का धंधा शुरू करना चाहता है और हर साल लाखों की कमाई करना चाहता है, तो छतरपुर में इसका सुनहरा अवसर उपलब्ध है. प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत आवेदन आमंत्रित किए गए हैं और इसकी आखिरी तारीख 1 दिसंबर तय की गई है. इस तारीख के बाद आवेदन स्वीकार नहीं होंगे, इसलिए समय से पहले जिला मत्स्योद्योग कार्यालय में आवेदन जमा करना जरूरी है. यह स्कीम उन किसानों के लिए खास है जिनके पास अपनी खुद की जमीन है और वे तालाब बनाकर मछली पालन शुरू करना चाहते हैं. योजना के तहत 11 लाख की यूनिट लागत पर सामान्य वर्ग के लिए 40 फीसदी सब्सिडी दी जाती है.
कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना का लाभ वही किसान ले पाएंगे जिनके पास अपनी निजी जमीन है. जमीन कम से कम 0.5 हेक्टेयर और अधिकतम 2 हेक्टेयर तक होनी चाहिए. साथ ही भूमि से जुड़े जरूरी दस्तावेज जैसे खसरा, नक्शा, खतौनी और आधार कार्ड होना अनिवार्य है. आवेदक के पास तालाब निर्माण और अन्य खर्च के लिए थोड़ा बहुत वित्तीय संसाधन भी होना चाहिए, जिसे वह खुद वहन करे या बैंक लोन लेकर पूरा करे. इसके साथ ही स्थल पर पानी की पर्याप्त उपलब्धता और तालाब तक पहुंचने के लिए रास्ता होना भी जरूरी है.
कितनी सब्सिडी मिलेगी? किन वर्गों को अधिक लाभ
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना में अलग-अलग वर्गों के लिए सब्सिडी की दरें भी अलग तय की गई हैं.
- एससी, एसटी और महिला वर्ग को 60 फीसदी सब्सिडी
- सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को 40 फीसदी सब्सिडी
छतरपुर जिले में मछली पालन का काम पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है. किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ अब इसे अतिरिक्त आय का मजबूत साधन बना रहे हैं. कई किसानों ने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपने खुद के तालाब बनाए और बेहतर आमदनी हासिल की है.
कौन-कौन से दस्तावेज लगेंगे? यह रखें तैयार
आवेदन के लिए किसान को कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे– स्वयं की भूमि का खसरा, खतौनी, नक्शा, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी, स्थल की दो फोटो, स्वयं की दो फोटो और अनुबंध पत्र. ये सारे दस्तावेज आवेदन के साथ मत्स्योद्योग कार्यालय में जमा करने होंगे. छतरपुर में बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए मत्स्य विभाग भी किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है. अगर आप भी खेती के साथ अतिरिक्त कमाई का साधन खोज रहे हैं तो यह मौका आपके लिए है. बस ध्यान रखें–1 दिसंबर अंतिम तारीख है, इससे पहले आवेदन कर दें ताकि आप भी इस योजना का लाभ ले सकें और मछली पालन से अच्छी आमदनी की शुरुआत कर सकें.