अंतरराष्ट्रीय सहकारिता में भारत का दबदबा, चंद्रपाल सिंह यादव फिर बने आईसीए-एपी के प्रेसीडेंट, निर्विरोध चुने गए

कोलंबो में आईसीए-एपी की बैठक में भारत का दबदबा एक बार फिर साबित हुआ. कृभको के वाइस चेयरमैन डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव को निर्विरोध प्रेसीडेंट चुने जाने से भारत की सहकारिता नीतियों की वैश्विक स्तर पर खूब सराहना हुई. कई देशों ने भारत के मॉडल को अपनाने में गहरी दिलचस्पी दिखाई.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 27 Nov, 2025 | 09:24 PM

कोलंबो की हल्की ठंडी हवा, दुनिया भर से आए प्रतिनिधियों की हलचल और मंच पर भारत का झंडा.. माहौल ऐसा था जैसे कोई बड़ा फैसला होने वाला हो और हुआ भी. अंतरराष्ट्रीय सहकारिता की सबसे बड़ी संस्था आईसीए-एपी ने एक बार फिर भारत पर भरोसा जताते हुए डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव को निर्विरोध प्रेसीडेंट चुन लिया. यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक साख का मजबूत सबूत है.

भारत का दबदबा, चंद्रपाल सिंह यादव को फिर मिली कमान

अंतरराष्ट्रीय कोऑपरेटिव अलायंस-एशिया पैसिफिक (आईसीए-एपी) के चुनाव इस बार भारत के लिए बेहद खास रहे. फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव कृभको के वाइस चेयरमैन और मौजूदा प्रेसीडेंट डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव को एक बार फिर इस प्रतिष्ठित संस्था का प्रेसीडेंट चुना गया. खास बात यह रही कि उन्हें निर्विरोध चुना गया, जो यह दिखाता है कि एशिया और पैसिफिक क्षेत्र के सदस्य देशों का भारत की नीतियों और नेतृत्व पर भरोसा और भी मजबूत हुआ है. श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में आयोजित 17वीं रीजनल असेंबली में यह चुनाव हुआ. इस मौके पर वहां मौजूद प्रतिनिधियों ने भारत की सहकारिता व्यवस्था और उसकी प्रगतिशील नीतियों की खुलकर सराहना की.

चीन-मलेशिया के प्रतिनिधि बने वाइस प्रेसीडेंट

कोलंबो में हुए चुनाव में न सिर्फ प्रेसीडेंट बल्कि पूरा नया बोर्ड भी चुना गया. चीन के आदिली बनली और मलेशिया के दातो अब्दुल्ला फतह को वाइस प्रेसीडेंट बनाया गया है. इसके अलावा कुल 11 नए डायरेक्टर चुने गए जिनका कार्यकाल अब अगले चार साल तक रहेगा. डॉ. यादव ने जानकारी दी कि इस वैश्विक संस्था की अगली बड़ी बैठक 2027 में बीजिंग में होगी. उन्होंने बताया कि इस बार चुनावी चर्चा के दौरान भारत में बन रही नई सहकारिता नीति की सबसे ज्यादा तारीफ हुई. सदस्य देशों ने माना कि भारत ने गांवों, युवाओं और महिलाओं को जोड़कर सहकारिता को नई पहचान दी है.

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चुने गए प्रतिनिधियों के साथ चंद्रपाल सिंह यादव.

भारत की सहकारिता नीतियों की जमकर प्रशंसा

असेंबली में जब भारत की सहकारिता नीतियों पर बात हुई तो लगभग हर प्रतिनिधि ने इसकी तारीफ की. कई देशों ने भारत के मॉडल को अपने देश में लागू करने की इच्छा भी जताई. चर्चा में इस बात पर जोर दिया गया कि भारत में सहकारिता मंत्रालय द्वारा युवाओं और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयास उल्लेखनीय हैं. यह भी कहा गया कि वर्तमान मोदी सरकार की प्राथमिकता में सहकारिता को दिए गए स्थान ने पूरे क्षेत्र की सोच बदल दी है. डॉ. यादव ने बताया कि इस वैश्विक सम्मेलन में नए बोर्ड के चुनाव के साथ ही एशिया पैसिफिक क्षेत्र में सहकारी समितियों को और मजबूत बनाने की भविष्य की रणनीति पर भी चर्चा हुई.

130 देशों का शीर्ष संगठन, भारत की आवाज और मजबूत

इंटरनेशनल कोऑपरेटिव अलायंस (आईसीए) दुनिया के 130 देशों की सहकारी संस्थाओं का सबसे बड़ा संगठन है. इसी का एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय भाग आईसीए-एपी, इस क्षेत्र की सहकारी समितियों के लिए नीति और दिशा तय करता है. कोलंबो में 24 से 28 नवंबर 2025 तक चल रहे इस आयोजन की मेजबानी श्रीलंका की राष्ट्रीय सहकारी समिति (NCCSL) कर रही है. इस बार सम्मेलन का थीम रहा- कोलंबो की हल्की ठंडी हवा, दुनिया भर से आए प्रतिनिधियों की हलचल और मंच पर भारत का झंडा.. माहौल ऐसा था जैसे कोई बड़ा फैसला होने वाला हो. और हुआ भी-अंतरराष्ट्रीय सहकारिता की सबसे बड़ी संस्था आईसीए-एपी ने एक बार फिर भारत पर भरोसा जताते हुए डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव को निर्विरोध प्रेसीडेंट चुन लिया. यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक साख का मजबूत सबूत है.

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Published: 27 Nov, 2025 | 09:03 PM

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