अंबाला में इन दिनों एक अजीब ही हाल बना हुआ है. सड़क पर घूमने वाली गायों को पकड़कर गौशालाओं में भेजा जा रहा है, ताकि ट्रैफिक ठीक रहे और लोग सुरक्षित रहें. ये काम सरकार के आदेश पर नगर निगम की टीमें कर रही हैं. लेकिन अब इससे नेताओं और छोटे डेयरी वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जो डेयरी वाले अपनी गायों को दिनभर खुला छोड़ देते थे, उनकी गायें अब गौशालाओं में बंद हैं. वो गाय छुड़वाने के लिए अपने-अपने इलाके के नेताओं से मिन्नतें कर रहे हैं. अब नेता भी नगर निगम के अफसरों से कह रहे हैं कि गायों को छोड़ दिया जाए. मगर सरकारी सख्ती के चलते अभी किसी की नहीं सुनी जा रही.
गायें पकड़ने से मची हड़कंप, डेयरी वाले परेशान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शहर में जब से गाय पकड़ने की मुहिम शुरू हुई है, तब से छोटे डेयरी वालों में हड़कंप मचा हुआ है. पहले ये लोग अपनी गायों को खुला छोड़ देते थे, ताकि वो खुद चारा-पानी कर लें. लेकिन अब नगर निगम की टीमें उन्हें पकड़कर गौशालाओं में डाल रही हैं. इससे डेयरी वालों की रोजी-रोटी पर असर पड़ रहा है.
नेताओं पर दबाव, जनता कर रही अपील
अब इन डेयरी वालों ने अपने वार्ड के पार्षदों और दूसरे जनप्रतिनिधियों से मदद मांगनी शुरू कर दी है. पार्षदों के पास रोज कई लोग आ रहे हैं और कह रहे हैं कि उनकी गायें छुड़वाओ. कुछ पार्षद खुद निगम दफ्तर पहुंचकर अफसरों से बात कर चुके हैं, लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही. पार्षद का कहना है, हम जनता की सुनते हैं, लेकिन जब सरकार ने सख्त आदेश दे रखे हैं, तो हम भी कुछ नहीं कर पा रहे.
सरकार के निर्देश सख्त
राज्य सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि कोई भी गाय या पशु खुला नहीं छोड़ा जाना चाहिए. जो लोग ऐसा कर रहे हैं, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा. नगर निगम भी इसी नियम के अनुसार काम कर रहा है. जो भी व्यक्ति अपनी गाय छुड़वाना चाहता है, उसे पहले जुर्माना भरना होगा और वादा करना होगा कि आगे से ऐसा नहीं करेगा.
शहर के लोगों को मिली राहत
जहां एक तरफ इस अभियान से आम लोगों को राहत मिली है- सड़कों पर अब पहले जैसी अव्यवस्था नहीं दिख रही- वहीं दूसरी ओर कुछ लोग पूछ रहे हैं कि क्या ये काम लंबा चलेगा या फिर थोड़े दिन में सब वापस पहले जैसा हो जाएगा?