Punjab News: पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से बाढ़ राहत के रूप में विशेष पैकेज की मांग की है. इसके लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने पंजाब विधानसभा में सोमवार को एकमत से प्रस्ताव पास किया. इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसानों को मुआवजा, ढांचे की मरम्मत और आजीविका बहाल करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग की गई है. इस दौरान राज्य सरकार ने केंद्र की चुप्पी और सहयोग की कमी की निंदा की. साथ ही प्रस्ताव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में पंजाब दौरे के दौरान घोषित किए गए 1,600 करोड़ रुपये की राहत राशि को तुरंत राज्य को ट्रांसफर करने की मांग भी की गई. साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा है कि दिवाली से फहले किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा मिल जाएगा.
सत्र के आखिरी दिन चर्चा का समापन करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार 15 अक्टूबर से किसानों और आम लोगों को बाढ़ राहत मुआवजा देना शुरू करेगी. इसके लिए मंत्रियों की टीमें पूरे राज्य में जाकर काम करेंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि 75 फीसदी से 100 फीसदी तक फसल नुकसान पर 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिलेगा. 33 फीसदी से 75 फीसदी और 26 फीसदी से 33 फीसदी फसल नुकसान पर 10,000 रुपये प्रति एकड़ दिए जाएंगे. पूरी तरह से तबाह हुए मकानों के लिए 1.20 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी.
ਵਿਧਾਨਸਭਾ ਦੇ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਇਜਲਾਸ ਵਿੱਚ ਅਹਿਮ ਬਿੱਲ ਪਾਸ ਕੀਤੇ ਗਏ। 26 ਤੋਂ 33 ਅਤੇ 33 ਤੋਂ 75 ਫ਼ੀਸਦੀ ਤਬਾਹ ਹੋਈ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀ ਫ਼ਸਲ ਦਾ 10,000 ਰੁਪਏ ਅਤੇ 75 ਤੋਂ 100 ਫ਼ੀਸਦੀ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋਈ ਫ਼ਸਲ ਦਾ 20,000 ਰੁਪਏ ਪ੍ਰਤੀ ਏਕੜ ਮੁਆਵਜ਼ਾ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇਗਾ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ Desilting ਲਈ 7200 ਰੁਪਏ ਪ੍ਰਤੀ ਏਕੜ ਖ਼ਰਚਾ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇਗਾ।
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— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) September 29, 2025
47,500 रुपये हेक्टेयर मिलेगा मुआवजा
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन (गिरदावरी) तेजी से किया जा रहा है और बाढ़ प्रभावित परिवारों को दिवाली से पहले मुआवजा मिलना शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जिन किसानों की जमीनों पर बाढ़ के बाद रेत जम गई है, उसे हटाने के लिए किसानों को 7,200 रुपये प्रति एकड़ दिए जाएंगे. वहीं जिनकी जमीनें नदी में बह गई हैं, उन्हें 47,500 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा मिलेगा.
प्रस्ताव में विशेष पैकेज की मांग
प्रस्ताव के अनुसार, पंजाब में इस बार की बाढ़ 1988 के बाद सबसे भयावह और विनाशकारी रही है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से इस अभूतपूर्व आपदा से निपटने के लिए कम से कम 20,000 करोड़ रुपये के विशेष वित्तीय पैकेज की औपचारिक मांग की है. साथ ही प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की बार-बार की गई मुलाकात की अपील को नजरअंदाज किया, जो पंजाब की जनता का अपमान है. इससे राज्य सरकार को बाढ़ की गंभीर स्थिति को सही तरीके से केंद्र के सामने रखने का मौका नहीं मिला.
ਹੜ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਪੰਜਾਬ ਲਈ ਐਲਾਨੇ 1600 ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਦੇ ਫ਼ੰਡ ‘ਤੇ ਕੇਂਦਰ ਦੀ ਬੀਜੇਪੀ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਮੰਤਰੀ ਗ਼ੈਰ-ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰਾਨਾ ਬਿਆਨ ਦੇ ਰਹੇ ਨੇ। ਬੀਜੇਪੀ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਵੱਲੋਂ ਵੱਡਾ ਫ਼ਤਵਾ ਦੇ ਕੇ ਚੁਣੀ ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਅਣਗੌਲਿਆ ਕਰਕੇ ਅਸਿੱਧੇ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਰਾਸ਼ਟਰਪਤੀ ਰਾਜ ਲਾਗੂ ਕਰਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰ ਰਹੀ ਹੈ।
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बीजेपी के दो विधायक सदन में नहीं थे मौजूद
खास बात यह है कि जब यह प्रस्ताव पास हुआ, तब बीजेपी के दो विधायक सदन में मौजूद नहीं थे. यह प्रस्ताव शुक्रवार को पेश किया गया था और ‘पंजाब में पुनर्वास’ पर चर्चा के बाद सोमवार को पास किया गया. यह चर्चा पंजाब विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र का हिस्सा थी, जो हाल की भीषण बाढ़ को लेकर बुलाई गई थी.