अंडा हुआ महंगा, रेट में 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी.. इस वजह से कीमत में आया उछाल

अंडों की घरेलू और विदेशी मांग में बढ़ोतरी से इस साल पोल्ट्री कारोबार को अच्छा मुनाफा हो रहा है. नामक्कल जैसे उत्पादन केंद्रों में अंडों के रेट 10-15 फीसदी ज्यादा हैं. अमेरिका को पहली बार बड़े पैमाने पर निर्यात से भी कीमतों को सहारा मिला है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 10 Jul, 2025 | 11:03 AM

Egg Business: अंडे कारोबार से जुड़े लोगों की इस साल बंपर कमाई हो रही है. क्योंकि अंडों की अच्छी एक्सपोर्ट डिमांड और देश में बढ़ती खपत के चलते जुलाई में रेट और मजबूत बने हुए हैं. पोल्ट्री कारोबारियों का कहना है कि इस बार अंडों के दाम पिछले साल की तुलना में 10-15 फीसदी ज्यादा हैं. हालांकि कुछ दिनों में सावन का महीना शुरू हो जाएगा. इसके बाद कीमतों में गिरावट आ सकती है. नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी के आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु के नामक्कल जैसे बड़े उत्पादन केंद्र में अंडों की औसत कीमत 575 रुपये प्रति 100 है. जबकि पिछले साल इस समय इसका रेट 509 रुपये प्रति 100 अंडा था.

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑल इंडिया पोल्ट्री एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के सचिव वल्सन परमेश्वरन ने कहा कि एक्सपोर्ट अच्छी चल रही है और देश में भी मांग मजबूत है. मिड-डे मील जैसी सरकारी योजनाओं से भी खपत बढ़ी है. इसके अलावा, कुछ किसानों द्वारा पोल्ट्री की संख्या घटाने के कारण उत्पादन कम हुआ है, जिससे सप्लाई पर असर पड़ा है. भारत ने हाल ही में पहली बार अमेरिका को 1 करोड़ अंडों का निर्यात किया है, जिससे देश में अंडों के दाम को मजबूती मिली है. वल्सन परमेश्वरन ने कहा कि जब अंडे बाहर भेजे जाते हैं, तो लोकल मार्केट में उसकी डिमांड अपने आप बढ़ जाती है.

इन देशों में होता है अंडा निर्यात

एक्सपोर्टर्स भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ (आयात-निर्यात शुल्क) से जुड़े मामलों पर नजर बनाए हुए हैं. परमेश्वरन ने कहा कि हम परिणाम का इंतजार कर रहे हैं. अगर फैसला हमारे पक्ष में आया, तो अमेरिका से और ऑर्डर मिलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि भारत से अंडों का निर्यात यूएई, कतर, मस्कट, अफ्रीकी देशों और मालदीव जैसे देशों को भी हो रहा है. इसके अलावा, इस बार गर्मी का मौसम ज्यादा कड़ा नहीं रहा, जिससे पोल्ट्री फार्मिंग को फायदा हुआ.

पोल्ट्री उत्पाद के निर्यात में गिरावट

वल्सन परमेश्वरन ने कहा कि इस बार कच्चे माल के दाम कम हैं, जिससे पोल्ट्री उद्योग को फायदा हो रहा है. पिछले साल और उससे पहले यह सेक्टर मुश्किलों में था. कर्नाटक पोल्ट्री फार्मर्स एंड ब्रीडर्स एसोसिएशन के महासचिव एमएसआर प्रसाद ने कहा कि इस साल खाड़ी देशों में अंडों का निर्यात अच्छा रहा है, जिससे दाम मजबूत बने हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि सावन महीने की शुरुआत के साथ अंडों की मांग में गिरावट आ सकती है, जिससे कीमतों में नरमी आ सकती है. एपीडा (APEDA) के आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 में भारत के पोल्ट्री निर्यात (मुख्यतः अंडे और अंडे से बने उत्पाद) में करीब 9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. यह निर्यात 2050.9 लाख डॉलर से घटकर 1859.8 लाख डॉलर रह गया.

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Published: 9 Jul, 2025 | 11:13 PM

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