Gupt Navratri 2025: तंत्र साधना के 9 दिन, केवल खास लोग ही करते हैं ये गुप्त पूजा, जानें क्या है खास

Gupt Navratri 2025: हर साल आने वाली नवरात्रि की दो प्रमुख तिथियां चैत्र और शारदीय, तो आपने सुनी ही होंगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक तीसरी नवरात्रि भी होती है, जो गुप्त रूप से मनाई जाती है? जी हां, हम बात कर रहे हैं गुप्त नवरात्रि की, जिसे तंत्र, साधना और देवी उपासना के लिए बेहद शुभ और शक्तिशाली माना जाता है. यह पर्व उन साधकों के लिए विशेष होता है जो शक्ति, सिद्धि और आत्मिक उन्नति की राह पर बढ़ना चाहते हैं. ऐसे में इस आइए जानते हैं कि, कब से शुरू हो रहा है ये गुप्त पर्व, क्या है इसका महत्व और क्यों इसे ‘गुप्त’ कहा जाता है.

Isha Gupta
नोएडा | Updated On: 26 Jun, 2025 | 04:07 PM
1 / 6गुप्त नवरात्रि 2025 की शुरुआत 26 जून (गुरुवार) यानी की आज से हो गई है और इसका समापन 4 जुलाई (शुक्रवार) को होगा. नवमी तिथि 3 जुलाई दोपहर 2:06 से शुरू होकर 4 जुलाई शाम 4:31 तक रहेगी, जिसके बाद पारण विधि होती है.

गुप्त नवरात्रि 2025 की शुरुआत 26 जून (गुरुवार) यानी की आज से हो गई है और इसका समापन 4 जुलाई (शुक्रवार) को होगा. नवमी तिथि 3 जुलाई दोपहर 2:06 से शुरू होकर 4 जुलाई शाम 4:31 तक रहेगी, जिसके बाद पारण विधि होती है.

2 / 6गुप्त नवरात्रि को ‘गुप्त’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी पूजा और साधना प्रकट रूप में नहीं, बल्कि एकांत और ध्यानमग्न स्थिति में की जाती है. यह नवरात्रि तांत्रिक और गूढ़ साधनाओं के लिए जानी जाती है, जहां साधक आंतरिक शक्ति और मां दुर्गा से आत्मिक जुड़ाव पाते हैं.

गुप्त नवरात्रि को ‘गुप्त’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी पूजा और साधना प्रकट रूप में नहीं, बल्कि एकांत और ध्यानमग्न स्थिति में की जाती है. यह नवरात्रि तांत्रिक और गूढ़ साधनाओं के लिए जानी जाती है, जहां साधक आंतरिक शक्ति और मां दुर्गा से आत्मिक जुड़ाव पाते हैं.

3 / 6इस दौरान योगी, तांत्रिक और साधक ‘दुर्गा सप्तशती’, ‘देवी भागवत’ और ‘देवी महात्म्य’ जैसे ग्रंथों का पाठ करते हैं. साथ ही विशेष मंत्र-साधना, हवन और ध्यान के जरिए देवी की कृपा पाने का प्रयास करते है.

इस दौरान योगी, तांत्रिक और साधक ‘दुर्गा सप्तशती’, ‘देवी भागवत’ और ‘देवी महात्म्य’ जैसे ग्रंथों का पाठ करते हैं. साथ ही विशेष मंत्र-साधना, हवन और ध्यान के जरिए देवी की कृपा पाने का प्रयास करते है.

4 / 6हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है जैसे शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा आदि. हर स्वरूप शक्ति, साहस, ज्ञान और रक्षा का प्रतीक होता है. ये रूप साधकों को मन, वाणी और आत्मा में संतुलन देते हैं.

हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है जैसे शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा आदि. हर स्वरूप शक्ति, साहस, ज्ञान और रक्षा का प्रतीक होता है. ये रूप साधकों को मन, वाणी और आत्मा में संतुलन देते हैं.

5 / 6गुप्त नवरात्रि के दौरान की गई साधना से नकारात्मकता, डर, मानसिक अशांति और बाधाएं दूर होती हैं. यह एक ऐसा समय होता है जब साधक आत्मिक उन्नति, धन, सफलता और मानसिक शक्ति प्राप्त कर सकते हैं.

गुप्त नवरात्रि के दौरान की गई साधना से नकारात्मकता, डर, मानसिक अशांति और बाधाएं दूर होती हैं. यह एक ऐसा समय होता है जब साधक आत्मिक उन्नति, धन, सफलता और मानसिक शक्ति प्राप्त कर सकते हैं.

6 / 6शारदीय और चैत्र नवरात्रि की तुलना में, गुप्त नवरात्रि कम चर्चित पर बेहद ही प्रभावशाली मानी जाती है. यह उन लोगों के लिए है जो साधना के माध्यम से जीवन को भीतर से बदलना चाहते हैं. यह पर्व आत्मनिरीक्षण, रहस्य और शक्ति का संगम है.

शारदीय और चैत्र नवरात्रि की तुलना में, गुप्त नवरात्रि कम चर्चित पर बेहद ही प्रभावशाली मानी जाती है. यह उन लोगों के लिए है जो साधना के माध्यम से जीवन को भीतर से बदलना चाहते हैं. यह पर्व आत्मनिरीक्षण, रहस्य और शक्ति का संगम है.

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Published: 26 Jun, 2025 | 03:44 PM

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