तमिलनाडु के नामक्कल को भारत का ‘एग कैपिटल’ कहा जाता है. यहां हर दिन लाखों अंडे तैयार होते हैं और विदेशों तक पहुंचते हैं. लेकिन इस बार नामक्कल ने जो कर दिखाया है, वो वाकई ऐतिहासिक है. पहली बार नामक्कल के अंडे अमेरिका के बाजार में भेजे गए हैं. ये अंडे खाने के लिए नहीं, बल्कि औद्योगिक उपयोग यानी बेकरी व लिक्विड एग प्रोडक्ट्स के लिए इस्तेमाल होंगे.
करोड़ों अंडों की पहली खेप रवाना
हाल ही में नामक्कल से 1.2 करोड़ अंडे थूथुकुडी के VO चिदंबरनार पोर्ट से रेफर कंटेनरों (ठंडे तापमान में रखने वाले कंटेनर) में भरकर अमेरिका भेजे गए. इन अंडों को अमेरिका के ईस्ट कोस्ट तक पहुंचने में लगभग 30 से 40 दिन लगेंगे. एक कंटेनर में करीब 4.75 लाख अंडे भरे गए थे और कुल 21 कंटेनर रवाना किए गए.
सपने को साकार करने की कहानी
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार अबी एग ट्रेडर्स, जो इन अंडों का निर्यात कर रही कंपनी है, उसके निदेशक सी. पनीरसेल्वम ने बताया कि उन्होंने लंबे समय से इस लक्ष्य के लिए काम किया. उनका अगला कदम होगा अमेरिका में टेबल एग्स यानी आम खाने वाले अंडों का निर्यात करना. इसके लिए अमेरिकी फूड सेफ्टी एजेंसी FSIS के सख्त नियमों का पालन करना जरूरी है.
क्यों खास है नामक्कल?
नामक्कल में करीब 1100 पोल्ट्री फार्म हैं, जहां लगभग 7 करोड़ मुर्गियां रोज अंडे देती हैं. यहां हर दिन करीब 5 करोड़ से ज्यादा अंडे पैदा होते हैं और 70 लाख अंडे रोज विदेशों में भेजे जाते हैं. इतना ही नहीं, भारत के कुल अंडा निर्यात का 90 फीसदी हिस्सा सिर्फ नामक्कल से ही होता है.
अंतरराष्ट्रीय पहचान की ओर कदम
तमिलनाडु एग पॉल्ट्री फार्मर्स मार्केटिंग सोसाइटी के अध्यक्ष वंगिली सुब्रमणियम ने इस पहली अमेरिकी डील को ‘बड़ी सफलता’ बताया. उन्होंने कहा कि यह न केवल उद्योग के लिए, बल्कि पूरे देश की पोल्ट्री इंडस्ट्री के लिए गर्व की बात है.
सरकार और स्कूलों में भी योगदान
अबी एग ट्रेडर्स तमिलनाडु सरकार की मिड-डे मील योजना के तहत स्कूलों में भी अंडों की आपूर्ति करती है. ये कंपनी हर दिन करीब 10 लाख अंडों की आपूर्ति करती है और खुद के लिए 2,000 से ज्यादा कार्टन तैयार करती है.