गाय-भैंस को दें कम्पाउंड फीड, दूध बढ़ेगा और पशु रहेंगे हमेशा तंदरुस्त और मजबूत

कम्पाउंड कैटल फीड एक संतुलित आहार है जो दूध देने वाले पशुओं के लिए बेहद फायदेमंद है. इससे न केवल दूध उत्पादन बढ़ता है, बल्कि पशु की सेहत भी सुधरती है और किसान की आमदनी में इजाफा होता है.

Kisan India
नोएडा | Published: 31 Aug, 2025 | 07:55 PM

अगर आप भी पशुपालन करते हैं और चाहते हैं कि आपकी गाय-भैंस ज्यादा दूध दें और हमेशा स्वस्थ रहें, तो कम्पाउंड कैटल फ़ीड का इस्तेमाल जरूर करें. यह एक संतुलित आहार है जो डेयरी पशुओं की जरूरतों को पूरा करता है. यह न सिर्फ दूध बढ़ाता है, बल्कि पशु की सेहत भी दुरुस्त रखता है.

क्या है कम्पाउंड कैटल फीड? 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कम्पाउंड कैटल फीड एक तरह का तैयार आहार है, जिसे खासतौर पर गाय, भैंस जैसे दूध देने वाले पशुओं के लिए तैयार किया जाता है. इसमें अनाज (मक्का, ज्वार), भूसी, सरसों या मूंगफली की खली, खनिज पदार्थ (कैल्शियम, फॉस्फोरस आदि) और विटामिन होते हैं. ये सभी चीजें मिलकर पशु को पूरी तरह से संतुलित पोषण देती हैं, जो उसके विकास और दूध उत्पादन के लिए बहुत जरूरी है.

दूध उत्पादन में होती है बढ़ोतरी

जब पशु को नियमित रूप से कम्पाउंड फीड दिया जाता है, तो उसका पाचन बेहतर होता है. इससे चारा अच्छे से पचता है और पोषक तत्व पूरी तरह शरीर में जाते हैं. इसका सीधा असर दूध पर होता है. जो पशु पहले 5 लीटर दूध देता था, वह अब 6 से 7 लीटर तक देने लगता है. साथ ही दूध की गुणवत्ता भी सुधरती है जैसे उसमें फैट और एसएनएफ (SNF) की मात्रा संतुलित रहती है.

पशु की सेहत भी रहती है मस्त

कम्पाउंड फीड में मौजूद खनिज और विटामिन्स पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. इसका नियमित सेवन करने वाले पशु बीमार कम पड़ते हैं और ज्यादा सक्रिय रहते हैं. खासतौर पर गर्भवती गाय या भैंस के लिए यह फीड बेहद फायदेमंद होती है, क्योंकि यह न केवल उनके शरीर को जरूरी पोषण देता है, बल्कि प्रजनन क्षमता को भी बेहतर बनाता है. इसके सेवन से बछड़े का विकास अच्छे से होता है और जन्म के बाद वह अधिक स्वस्थ और मजबूत होता है. यह फीड पशु और किसान दोनों के लिए लाभकारी है.

किसान को होता है सीधा फायदा

जब पशु स्वस्थ रहेगा और ज्यादा दूध देगा, तो किसान की आमदनी भी बढ़ेगी. कई बार किसान सिर्फ हरा या सूखा चारा देकर संतुष्ट हो जाते हैं, जिससे पशु को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता. लेकिन अगर वे कम्पाउंड फीड को रोजाना आहार में शामिल करें, तो न सिर्फ पशु की सेहत सुधरेगी, बल्कि पशुपालक को लंबे समय में अच्छा मुनाफा मिलेगा. इस फीड को दिन में दो बार-सुबह और शाम- थोड़ी-थोड़ी मात्रा में चारे के साथ मिलाकर देना चाहिए. शुरुआत में कम मात्रा से शुरू करें और धीरे-धीरे इसे नियमित आहार का हिस्सा बना दें.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 31 Aug, 2025 | 07:55 PM

गेहूं की उत्पत्ति किस क्षेत्र से हुई थी?

Side Banner

गेहूं की उत्पत्ति किस क्षेत्र से हुई थी?