Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार ने धान किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए नॉन हाइब्रिड यानी मोटे धान की रिकवरी पर छूट बढ़ा दी है. वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि मोटे धान की रिकवरी पर पहले जो छूट दी जाती थी, अब छूट को और बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से सीधे-सीधे 15 लाख किसानों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि 1 नवंबर से धान खरीद उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में शुरू हो गई है. जबकि, बाकी जिलों में अक्तूबर से खरीद की जा रही है.
किसानों से मोटे धान की खरीद बढ़ेगी
उत्तर प्रदेश सरकार गैर संकर (Non Hybrid Paddy) धान पर एक फीसदी रिकवरी छूट देने का फैसला किया है. बता दें कि राज्य सरकार पहले से हाइब्रिड धान की रिकवरी पर 67 फीसदी छूट दे रही है. अब यही छूट नॉन हाइब्रिड धान (मोटे चावल) पर भी दी जाएगी. इससे राज्य के 2000 से अधिक राइस मिलर्स को सीधा फायदा होगा. इसके साथ ही मिलर्स किसानों से मोटे धान की खरीद को भी बढ़ाएंगे.
वित्त मंत्री ने कहा हाइब्रिड धान के बराबर छूट मिलेगी
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने संवाददाताओं को बताया कि जब संकर धान से चावल निकाला जाता है, तो केंद्र सरकार के मानदंडों के अनुसार रिकवरी दर 67 फीसदी होती है. अब उत्तर प्रदेश सरकार ने गैर-संकर (मोटे) धान पर 1 फीसदी रिकवरी छूट की घोषणा की है, जो संकर धान पर पहले से दी जा रही छूट के बराबर होगी. उन्होंने कहा कि इस कदम से राज्य के लगभग 15 लाख किसानों को लाभ होगा.
फैसले से राज्य सरकार के खजाने पर पड़ेगा 166 करोड़ का बोझ
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से राजकीय खजाने पर 166 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने की उम्मीद है. बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही संकर धान पर 3 फीसदी की छूट देती है, जिस पर सालाना लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि यही लाभ अब गैर-संकर या मोटे धान पर भी 1 फीसदी रिकवरी छूट के साथ दिया जाएगा.
15 लाख धान किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
वित्त मंत्री ने कहा कि इस छूट पर 166 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इससे राज्य के लगभग 15 लाख चावल उत्पादक किसानों को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि इससे न केवल किसानों को मंडियों में बेहतर दाम मिलेंगे, बल्कि चावल मिलिंग क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेगा और लगभग दो लाख रोज़गार के अवसर पैदा होंगे. उन्होंने आगे कहा कि इस फैसले से किसानों और मजदूरों को सीधा लाभ होगा. जबकि, राज्य के 2 हजार से ज्यादा चावल मिल संचालकों को भी मदद मिलेगी. इससे राज्य में धान उद्योग को समग्र रूप से बढ़ावा मिलेगा.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की सरकारी खरीद चल रही है. पश्चिमी जिलों में धान खरीद 1 अक्टूबर से जारी है. जबकि, राज्य के पूर्वी हिस्सों में धान की खरीद 1 नवंबर से शुरू हो गई है.