कैरोलीना रीपर अमेरिका की एक ऐसी मिर्च है, जिसे दुनिया की सबसे तीखी मिर्च माना जाता है. 2012 में दक्षिणी कैरोलीना की विनथ्रॉप यूनिवर्सिटी द्वारा इसके तीखेपन की जांच की गई, जिसमें इसे 15,69,300 स्कोवील हीट यूनिट (SHU) दर्ज किया गया.
भारत के असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में उगाई जाने वाली भूत जोलोकिया कभी दुनिया की सबसे तीखी मिर्च मानी जाती थी. यह मिर्च अपने तीखेपन और विशिष्ट रंग के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मशहूर है. इसे लाल नागा, नागा जोलोकिया और यू-मोरोक के नाम से भी जाना जाता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भूत जोलोकिया सामान्य मिर्च की तुलना में लगभग 400 गुना अधिक तीखी होती है. इसका तीखापन इतना अधिक होता है कि इसे संभालते समय दस्ताने पहनना और आंखों से दूर रखना जरूरी होता है. खाने में थोड़ी मात्रा में भी इसका प्रयोग शरीर में गर्मी और मेटाबॉलिज़्म बढ़ाने के लिए किया जाता है.
उत्तर-पूर्वी राज्यों में भूत जोलोकिया का उपयोग हाथियों और अन्य जानवरों के हमलों से बचाव के लिए किया जाता है. इसके पाउडर या लेप को घरों की दीवारों पर लगाया जाता है, जिससे जानवर पास भी नहीं आते.
कैरोलीना रीपर और भूत जोलोकिया मिर्चों की तीखी प्रकृति के कारण घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च मांग में हैं. मसाले, चटनी और अन्य व्यंजनों में इनका प्रयोग होता है. किसानों के लिए यह आर्थिक रूप से लाभकारी फसल साबित हो रही है.
सुपर-तीखी मिर्चों का सेवन स्वास्थ्य पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव डाल सकता है. हल्की मात्रा में यह मेटाबॉलिज़्म बढ़ाती है और स्वाद में तीखापन जोड़ती है, लेकिन अधिक मात्रा में जलन, पाचन समस्याएं और त्वचा या आंखों में जलन जैसी समस्याएं पैदा कर सकती हैं.