Shardiya Navratri 2025: 8 या 9 नहीं, इस बार पूरे 10 दिन तक चलेंगे नवरात्र, जानें इसका महत्व

Shardiya Navratri 2025 Date: शारदीय नवरात्र 2025 इस बार कुछ खास है. इस साल 22 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक 10 दिन तक माता दुर्गा की पूजा-अर्चना होगी. हाथी पर सवार माता का आगमन सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आएगा. इस नवरात्र में दो दिन की चतुर्थी तिथि, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और मां के गज पर आगमन जैसी विशेषताओं से यह पर्व और भी लाभकारी और शुभ माना जा रहा है. यह समय न केवल व्यक्तिगत जीवन में बल्कि देश और समाज के लिए भी उन्नति और खुशहाली का संदेश देता है.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 8 Sep, 2025 | 04:04 PM
1 / 6शारदीय नवरात्र इस बार 22 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगा, यानी कुल 10 दिनों तक माता दुर्गा की पूजा-अर्चना होगी. 11वें दिन विजयादशमी मनाई जाएगी, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.

शारदीय नवरात्र इस बार 22 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगा, यानी कुल 10 दिनों तक माता दुर्गा की पूजा-अर्चना होगी. 11वें दिन विजयादशमी मनाई जाएगी, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.

2 / 6प्रतिपदा तिथि 21-22 सितंबर को सुबह 1:24 बजे से शुरू होगी. इस दिन घटस्थापना के लिए हस्त नक्षत्र और पूरे दिन शुक्ल योग भी मिल रहा है, जो पूजा और आराधना के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है.

प्रतिपदा तिथि 21-22 सितंबर को सुबह 1:24 बजे से शुरू होगी. इस दिन घटस्थापना के लिए हस्त नक्षत्र और पूरे दिन शुक्ल योग भी मिल रहा है, जो पूजा और आराधना के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है.

3 / 6घटस्थापना के लिए सुबह 6:19 से 7:49 बजे तक अमृत मुहूर्त, 9:14 से 10:49 बजे तक शुभ मुहूर्त और 11:55 से 12:43 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. इन मुहूर्तों में पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति बढ़ती है.

घटस्थापना के लिए सुबह 6:19 से 7:49 बजे तक अमृत मुहूर्त, 9:14 से 10:49 बजे तक शुभ मुहूर्त और 11:55 से 12:43 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. इन मुहूर्तों में पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति बढ़ती है.

4 / 6इस बार माता दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी, जो सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक है. उनका आगमन सोमवार के दिन होगा और प्रस्थान मनुष्य के कंधे पर होगा, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है.

इस बार माता दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी, जो सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक है. उनका आगमन सोमवार के दिन होगा और प्रस्थान मनुष्य के कंधे पर होगा, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है.

5 / 6नवरात्र की प्रतिपदा 22 सितंबर, द्वितीय तिथि 23 सितंबर, तृतीया 24 सितंबर, चतुर्थी 25-26 सितंबर, पंचमी 27 सितंबर, षष्ठी 28 सितंबर, सप्तमी 29 सितंबर, अष्टमी 30 सितंबर, नवमी 1 अक्टूबर और दशहरा 2 अक्टूबर को मनाई जाएगी.

नवरात्र की प्रतिपदा 22 सितंबर, द्वितीय तिथि 23 सितंबर, तृतीया 24 सितंबर, चतुर्थी 25-26 सितंबर, पंचमी 27 सितंबर, षष्ठी 28 सितंबर, सप्तमी 29 सितंबर, अष्टमी 30 सितंबर, नवमी 1 अक्टूबर और दशहरा 2 अक्टूबर को मनाई जाएगी.

6 / 6माता की पूजा-अर्चना से व्यक्ति के जीवन में दुख मिटते हैं, सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. नवरात्र का यह योग देश और दुनिया के लिए भी सुखदायक है. देश का व्यापार बढ़ेगा, पड़ोसियों के संबंध मजबूत होंगे और समृद्धि आएगी.

माता की पूजा-अर्चना से व्यक्ति के जीवन में दुख मिटते हैं, सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. नवरात्र का यह योग देश और दुनिया के लिए भी सुखदायक है. देश का व्यापार बढ़ेगा, पड़ोसियों के संबंध मजबूत होंगे और समृद्धि आएगी.

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