शारदीय नवरात्र इस बार 22 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगा, यानी कुल 10 दिनों तक माता दुर्गा की पूजा-अर्चना होगी. 11वें दिन विजयादशमी मनाई जाएगी, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.
प्रतिपदा तिथि 21-22 सितंबर को सुबह 1:24 बजे से शुरू होगी. इस दिन घटस्थापना के लिए हस्त नक्षत्र और पूरे दिन शुक्ल योग भी मिल रहा है, जो पूजा और आराधना के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है.
घटस्थापना के लिए सुबह 6:19 से 7:49 बजे तक अमृत मुहूर्त, 9:14 से 10:49 बजे तक शुभ मुहूर्त और 11:55 से 12:43 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. इन मुहूर्तों में पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति बढ़ती है.
इस बार माता दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी, जो सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक है. उनका आगमन सोमवार के दिन होगा और प्रस्थान मनुष्य के कंधे पर होगा, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है.
नवरात्र की प्रतिपदा 22 सितंबर, द्वितीय तिथि 23 सितंबर, तृतीया 24 सितंबर, चतुर्थी 25-26 सितंबर, पंचमी 27 सितंबर, षष्ठी 28 सितंबर, सप्तमी 29 सितंबर, अष्टमी 30 सितंबर, नवमी 1 अक्टूबर और दशहरा 2 अक्टूबर को मनाई जाएगी.
माता की पूजा-अर्चना से व्यक्ति के जीवन में दुख मिटते हैं, सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. नवरात्र का यह योग देश और दुनिया के लिए भी सुखदायक है. देश का व्यापार बढ़ेगा, पड़ोसियों के संबंध मजबूत होंगे और समृद्धि आएगी.