PM Kisan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज 20 हजार से ज्यादा बेटियों के नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना के खाते खोले गए हैं, जिससे उनकी शिक्षा और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित होगा. उन्होंने कहा अब तक देश में 4 करोड़ से ज्यादा बेटियों के खाते सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खोले जा चुके हैं. इन खातों में अब तक 3.25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जमा किए गए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 11 सालों में कई योजनाओं के जरिए नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा बहुत मजबूत हुई है और देश के गरीब और वंचित लगातार इस सुरक्षा के दायरे में आ रहे हैं. पीएम मोदी के मुताबिक, 2014 में केवल 25 करोड़ लोग ही सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत थे, लेकिन आज यह संख्या करीब 100 करोड़ तक पहुंच चुकी है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के बड़े शहरों से लेकर छोटे गांवों तक, स्कूलों से लेकर आदिवासी बस्तियों तक, संस्कृति, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का एक मजबूत प्रवाह देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 10 साल पहले बेटियों की शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की थी. यह उन योजनाओं में से एक है, जिसमें हमारी बेटियों को 8.2 फीसदी सबसे ज्यादा ब्याज मिलता है.
20 हजार से ज्यादा बेटियों को दिया गिफ्ट
दरअसल, पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश में सत्य साईं बाबा की शताब्दी समारोह में ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि बाबा के करोड़ों अनुयायी निस्वार्थ भाव से सेवा में लगे हैं. उनका सबसे बड़ा आदर्श है मानवसेवा ही माधव सेवा है. पीएम मोदी ने कहा कि आज यहां 20 हजार से ज्यादा बेटियों के नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना के खाते खोले गए हैं, जिससे उनकी शिक्षा और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित होगा.
क्या बोले पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि श्री सत्य साई बाबा का यह जन्मशताब्दी वर्ष हमारी पीढ़ी के लिए सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि एक दिव्य वरदान है. आज भले ही वें हमारे बीच दैहिक स्वरूप में नहीं हैं, लेकिन उनकी शिक्षा, उनका प्रेम, उनकी सेवा भावना आज भी करोड़ों लोगों का मार्गदर्शन कर रही हैं. हमारी सरकार के लिए यह गर्व की बात है कि सत्य साईं बाबा की शताब्दी पर एक स्मारक 100 का सिक्का और विशेष डाक टिकट जारी किया गया. इस मौके पर मैं सभी भक्तों और नागरिकों को शुभकामनाएं देता हूं.
हर मार्ग में ‘सेवा’ की गहरी भूमिका
पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय सभ्यता का मूल मूल्य ‘सेवा’ है. हमारी सभी परंपराएं चाहे वे भक्ति, ज्ञान या कर्म के मार्ग का पालन करें, अंततः इसी विचार से जुड़ी हैं. हर मार्ग में ‘सेवा’ की गहरी भूमिका है. उन्होंने कहा कि श्री सत्य साईं बाबा का संदेश केवल पुस्तकों, प्रवचनों और आश्रमों की सीमाओं में नहीं रहा है. उनकी शिक्षा का प्रभाव लोगों के बीच दिखता है.