Mandi Bhav: MP में 2 रुपये किलो हुआ प्याज, लागत भी नहीं निकाल पा रहे किसान.. नुकसान ही नुकसान

मध्य प्रदेश में प्याज की कीमतों में गिरावट के कारण किसान भारी नुकसान झेल रहे हैं. रतलाम मंडी में प्याज औसत 600 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है, लेकिन न्यूनतम कीमत 200 रुपये तक गिर गई है. किसान सरकार से प्याज पर MSP लागू करने की मांग कर रहे हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 12 Nov, 2025 | 03:06 PM

Madhya Pradesh Onion Farmers: मध्य प्रदेश में प्याज की कीमतों में तेजी से गिरावट आई है, जिससे किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. साथ ही कई किसानों को भारी नुकसान उठाकर प्याज बेचना पड़ रहा है. कहा जा रहा है कि रतलाम कृषि मंडी में प्याज की औसत कीमत करीब 600 रुपये प्रति क्विंटल है, यानी लगभग 6 रुपये प्रति किलो. वहीं, कुछ प्याज की न्यूनतम कीमत सिर्फ 200 रुपये प्रति क्विंटल है यानी 2 रुपये प्रति किलो.ऐसे में किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

ईटीवी भारत के अनुसार, पंथ पीपलोड़ा के किसान बब्बू मालवी ने कहा मैंने एक बिघा में प्याज बोया  और 6-7 क्विंटल पैदावार हुई. लेकिन मंडी में प्याज का भाव सिर्फ 1.99 रुपये प्रति किलो मिला. ऐसे में किसान परिवहन खर्च भी नहीं निकाल पा रहे हैं. वहीं, खंडवा में भी प्याज की कीमतें गिरकर 3 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं. कई किसान अपनी फसल नष्ट कर रहे हैं,  क्योंकि मूल खर्च भी नहीं निकल पा रहे. यही वजह है कि किसान सरकार पर निर्यात रोक का आरोप लगा रहे हैं और तुरंत राहत की मांग कर रहे हैं.

कितना है प्याज का औसत रेट

मालवा क्षेत्र के किसान प्याज की कीमत गिरने से भारी आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं और सरकार से प्याज और लहसुन पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही कहा जा रहा है कि कीमतों में यह तेज गिरावट पुराने प्याज के स्टॉक  और नई फसल एक साथ बाजार में आने के कारण हुई है. रतलाम कृषि मंडी में न्यूनतम कीमत सिर्फ 200 रुपये प्रति क्विंटल यानी 2 रुपये प्रति किलो रही, जबकि औसत कीमत लगभग 600 रुपये प्रति क्विंटल थी. जबकि, उत्पादन लागत प्रति एकड़ 30,000 से 35,000 रुपये है. ऐसे में फायदा तो दूर किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. वहीं, कुछ किसानों को तो केवल 250 रुपये प्रति क्विंटल भाव मिले.

15 रुपये किलो है खुदरा कीमत

खास बात यह है कि इसके बावजूद भी थोक और खुदरा कीमतों में बड़ा अंतर है. इस साल उत्पादन ज्यादा होने से कीमतें और गिर गईं. थोक में किसान को 10 रुपये प्रति किलो से कम मिल रहे हैं, जबकि खुदरा कीमत 15 रुपये प्रति किलो के आसपास है, जिससे किसान और उपभोक्ता के बीच बड़ी खाई दिखती है.

लागत नहीं निकाल पा रहे किसान

प्याज-लहसुन व्यापारी निलेश बाफना और दिनेश जाधव ने कहा कि इस साल प्याज का रकबा  और उत्पादन ज्यादा हुआ. किसानों ने दाम बढ़ने की उम्मीद में प्याज स्टॉक करके रखा था, लेकिन नए प्याज की आवक शुरू हो गई, जिससे पुराने प्याज की कीमतें गिरने लगी हैं. अब किसान मजबूरी में पुराने प्याज बेच रहे हैं, जबकि लागत भी पूरी नहीं हो रही. रिटेल में प्याज 15 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.

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Published: 12 Nov, 2025 | 03:00 PM

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