खाद वितरण को लेकर यूपी सरकार सख्त, पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने पर जिलाधिकारी होंगे जिम्मेदार

सीएम योगी ने खरीफ सीजन को ध्यान में रखते हुए सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि किसानों को खाद की किसी भी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए. सरकार सुनिश्चित करेगी कि हर किसान को समय पर और पर्याप्त मात्रा में खाद मिले.

नोएडा | Updated On: 20 Jul, 2025 | 09:55 AM

उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रदेश के किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराने की कोशिश में लगी है. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों को ये सुनिश्चित करने के दिशा-निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के हर जिले के किसानों को समय पर और उनकी जरूरत के हिसाब से खाद मिले. सीएम योगी ने साफ शब्दों में कहा कि समय पर खाद की आपूर्ति न होने की स्थित में जिलाधिकारी जिम्मेदार होंगे. इसके साथ ही सीएम ने कहा है कि जिलाधिकारी यह भी सुनिश्चि करेंगे कि किसानों को खाद सही कीमतों पर उपलब्ध कराई जाए.

गड़बड़ी मिलने पर लाइसेंस निरस्त होंगे

सीएम योगी ने खरीफ सीजन को देखते हुए सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को ये सख्त निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में किसानों को खाद की किसी भी तरह की कमी नही होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि खुदरा और थोक विक्रेताओं के स्टॉक की नियमित जांच की जाए. सीएम ने स्पष्ट रूप से कहा है कि स्टॉक की जांज के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने की स्थिति में खाद विक्रेताओं का लाइसेंस तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए और इसके साथ ही एफआईआर (FIR) की कार्रवाई भी की जाए.

कालाबाजारी पर होगी सख्त कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही बीते कुछ दिनों से लगातार प्रदेश के अलग-अलग जिलों में खाद बेचने और बनाने वाली कंपनियों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं. निरीक्षण के दैरान जहां भी गड़बड़ी पाई गई वहां सख्त कार्रवाई की गई है. सीएम योगी ने सभी जिलाधिकारियों को ये निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में खाद की तस्करी और कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त एक्शन लिए जाएं. वहीं पड़ोसी राज्यों में खाद की तस्करी करते हुए पाए जाने पर जीरो टॉलरेंस की नीती अपनाई जाए.

खपत से ज्यादा है स्टॉक

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पिछले साल खाद की जो कुल खपत हुई थी उसके मुकाबले इस साल प्रदेश में खाद का स्टॉक ज्यादा है. बता दें कि जुलाई 2024 तक 18.98 लाख मीट्रीन टन यूरिया थी और इस साल ये संख्या बढ़कर 28.56 लाख मीट्रिक टन हो गई है. वहीं पिछले साल जुलाई तक 4.38 मीट्रिक टन डीएपी की खपत हुई थी और इस साल प्रदेश सरकार के पास स्टॉक में 5.83 लाख मीट्रिक टन डीएपी है. बात करें एनपीके की तो जुलाई 2024 में एनपीके की कुल खपत 1.53 लाख मीट्रिक टन थी और इस साल सरकार के पास 4.26 लाख मीट्रिक टन एनपीके स्टॉक में है.

Published: 19 Jul, 2025 | 07:14 PM