ग्राफ्टिंग तकनीक से टमाटर उगा रहे किसान राजेंद्र, 60 हजार पौधे तैयार कर 50 एकड़ जमीन में खेती से बदली जिंदगी

ग्राफ्टिंग तकनीक से टमाटर की खेती में सफलता पाने के बाद किसान राजेंद्र टुडू ने  अब पॉलीहाउस में ग्राफ्टिंग करके दूसरे किसानों के लिए पौधे तैयार करना शुरू कर दिया है. हजारीबाग जिला खेती के लिए पूरे झारखंड में मशहूर है.

Kisan India
नोएडा | Published: 25 Aug, 2025 | 10:00 AM

आज के समय में किसान प्रगितिशील हो गए हैं. वे अपने खेतों में अलग-अलग तरह के प्रयोग करते रहते हैं. ताकि खेती को और बेहतर बनाकर आमदनी में बढ़ोतरी की जा सके. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाकर और खेती से जुड़ी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर बेहतर और अच्छी क्वालिटी का उत्पादन कर रहे हैं. इस तरह उन्हें बाजार में अपने उत्पादन की अच्छी कीमत मिल जाती है और उनकी कमाई भी अच्छी होती है.

ऐसा ही कुछ झारखंड के हजारीबाग जिले के किसान कर रहे हैं. यहां के किसान खेती में नवाचार का इस्तेमाल कर खेती और कमाई, दोनों को बेहतर कर रहे हैं. इसका प्रमाण है आज के हमारे चैंपियन किसान राजेंद्र टुडू. हमारी ‘चैंपियन किसान’ सीरीज में आज हम बात कर रहे हैं हजारीबाग के किसान राजेंद्र टुडू की जो कि ग्राफ्टिंग तकनीक से टमाटर की खेती कर रहे हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं.

बैंगन के पौधे लगाकर की शुरुआत

झारखंड के हजारीबाग जिले के नगड़ी गांव के रहने वाले किसान राजेंंद्र टुडू ने खेती में नावाचार का इस्तेमाल कर इन दिनों टमाटर की खेती की शुरुआत की है. इसके लिए वे ग्राफ्टिंग तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. राजेंद्र बताते हैं कि उन्होंने इस नवाचार की शुरुआत बैंगन के पौधे लगाकर की थी. जब बैंगन के पौधे थोड़े बड़े हो गए तो उन्होंने खेतों में बैंगन के डंठल को काटकर टमाटर के डंठल लगा दिए. उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में बैंगन का पौधा अच्छी तरह से ग्रो करता है और उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है.

Jharkhand Farmer

हजारीबाग के सफल किसान राजेंद्र टूडू

ग्राफ्टिंग तकनीक से उगा रहे टमाटर

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रगतिशील किसान राजेंद्र टुडू कम लागत में और अपनी कड़ी मेहनत की मदद से टमाटर की खेती कर रहे हैं. बता दें कि, राजेंद्र 50 एकड़ जमीन पर अबतक ग्राफ्टिंग तकनीक की मदद से लगभग 60 हजार टमाटर के पौधे तैयार कर चुके हैं. राजेंद्र बताते हैं कि ग्राफ्टिंग तकनीक से उगाए जाने पर टमाटर के पौधे अच्छी पैदावार देंगे. खास बात ये है कि राजेंद्र बैंगन और टमाटर के पौधौं को पॉलीहाउस में उगा रहे हैं. वहीं, स्वयंसेवी संस्था चुरचू नारी ऊर्जा फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड के कार्यक्रम प्रबंधक अभिजीत जाना ने कहा कि किसानों को उन्नत कृषि तकनीक और ग्राफ्टिंग विधि से खेती करने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है.

दूसरे किसानों के लिए तैयार कर रहे पौधे

ग्राफ्टिंग तकनीक से टमाटर की खेती में सफलता पाने के बाद किसान राजेंद्र टुडू ने अब पॉलीहाउस में ग्राफ्टिंग करके दूसरे किसानों के लिए पौधे तैयार करना शुरू कर दिया है. बता दें कि, हजारीबाग जिला खेती के लिए पूरे झारखंड में मशहूर है. ऐसे में ग्राफ्टिंग विधि कृषि नवाचार में वरदान की तरह है. इससे न केवल टमाटर के उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है, बल्कि इस विधि के इस्तेमाल से कई अन्य सब्जियों, फलों और अन्य फसलों के उत्पादन में भी सुधार की संभावना है.

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Published: 25 Aug, 2025 | 10:00 AM

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