देश की एक बड़ी आबादी खेती पर निर्भर है. करीब 40 फीसदी श्रमिक कृषि क्षेत्र में लगे हैं, लेकिन फिर भी यहां बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है. इसका एक बड़ा कारण है कि खेती अभी भी ज्यादातर जगहों पर परंपरागत तरीके से ही की जा रही है जिससे न तो किसान की आमदनी बढ़ती है और न ही श्रमिकों को पूरा काम मिल पाता है. अब वक्त है कि किसान परंपरागत खेती छोड़कर बाजार की मांग के अनुसार फल और सब्ज़ियों की खेती की ओर बढ़ें.
कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा कि किसानों को फलों और सब्जियों जैसी फायदेमंद फसलों की तरफ बढ़ना चाहिए, क्योंकि इसमें परंपरागत खेती से दो से ढाई गुना तक अधिक मुनाफा होता है. वहीं कोविड के बाद सेहत के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है. फल और सब्जियों की मांग देश में ही नहीं, विदेशों में भी तेजी से बढ़ रही है. इसी कारण उत्तर प्रदेश फल और सब्जी उत्पादन में देश का नंबर 1 राज्य बन गया है.
हर जिले में प्रॉसेसिंग यूनिट लगाने की तैयारी
सरकार अब फलों और सब्जियों के प्रोसेसिंग (प्रसंस्करण) पर ध्यान दे रही है. अगर स्थानीय स्तर पर प्रोसेसिंग यूनिट्स लग जाएं, तो इससे पौध रोपण से लेकर तुड़ाई, ग्रेडिंग, पैकिंग, मार्केटिंग तक कई लोगों को रोजगार मिल सकता है. सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में 1000 प्रोसेसिंग इकाइयां लगाई जाएं. प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज योजना के तहत 35प्रतिशत सब्सिडी पर 30 लाख रुपये तक का लोन दिया जा रहा है. वहीं अभी तक करीब 17 हजार प्रोसेसिंग यूनिट्स लग चुकी हैं. अगर महिला किसान सोलर प्लांट लगवाना चाहें तो उन्हें 90प्रतिशत तक की सब्सिडी भी सरकार के तरफ से दी जाती है.
बाराबंकी में खुलेगा इंडो-डच एक्सीलेंस सेंटर
फूलों और सब्जियों की खेती को बढ़ावा देने के लिए बाराबंकी के त्रिवेदीगंज में एक इंडो-डच सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनने जा रहा है. यहां नीदरलैंड के विशेषज्ञ मिलकर काम करेंगे. इस सेंटर में किसानों को उन्नत तकनीक, पौधों की नर्सरी और खेती के आधुनिक तरीके सिखाए जाएंगे, जिससे फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में बढ़ोतरी होगी.
खाद्य वस्तुओं का निर्यात बढ़ाने की योजना
योगी सरकार का जोर अब फलों और सब्जियों के निर्यात पर भी है. सरकार जेवर एयरपोर्ट के पास एक एक्सपोर्ट हब बना रही है, ताकि यूरोप और अमेरिका जैसे बड़े बाजारों में यूपी की उपज को पहुंचाया जा सके. लखनऊ के नादरगंज में गामा रेडिएशन प्लांट तैयार हो गया है, जिससे फल-सब्जियों को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा और उनका एक्सपोर्ट आसान होगा.