आपने खेतों में बीज बोते देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बीज अंतरिक्ष में भी बोए जा सकते हैं? सुनकर हैरानी हुई ना? लेकिन अब ये कल्पना नहीं, बल्कि हकीकत बन चुकी है. केरल की मशहूर कृषि यूनिवर्सिटी (Kerala Agricultural University) ने एक नया इतिहास रच दिया है. इस यूनिवर्सिटी ने अपने खास रिसर्च बीजों को नासा की “Axiom Mission 4” के जरिए सीधे अंतरिक्ष में भेजा है.
यह पहली बार है जब भारत के किसी कृषि संस्थान ने अंतरिक्ष में बीज भेजे हैं. यह एक वैज्ञानिक प्रयोग है जिसका मकसद यह जानना है कि बीज अंतरिक्ष की स्थिति में कैसे व्यवहार करते हैं, जैसे सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण, अलग तापमान और विकिरण. क्या वे अंकुरित हो पाएंगे? क्या उनमें बदलाव आएगा? इन सवालों के जवाब खोजने की कोशिश हो रही है.
क्यों खास है यह मिशन?
केरल कृषि विश्वविद्यालय ने जिन बीजों को भेजा है, वे आम बीज नहीं हैं. ये ऐसे प्राकृतिक और स्थानीय किस्मों के बीज हैं जिनका पारंपरिक खेती में बड़ा महत्व है. वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर बीज अंतरिक्ष में बेहतर प्रदर्शन करते हैं या उनमें कुछ अनोखे बदलाव आते हैं, तो उनकी गुणवत्ता और ताकत को और बढ़ाया जा सकता है.
Axiom Mission 4 क्या है?
Axiom Space और नासा के सहयोग से यह एक निजी अंतरिक्ष मिशन है जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना हुआ. इस मिशन में विज्ञान, तकनीक और स्वास्थ्य से जुड़े कई प्रयोग किए जा रहे हैं. इन्हीं प्रयोगों की सूची में केरल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के बीज भी शामिल हैं.
भविष्य की खेती की झलक
यह प्रयोग भविष्य में अंतरिक्ष में खेती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. सोचिए, अगर कभी इंसान मंगल या चांद पर बसेगा, तो वहां खाने के लिए अनाज और सब्जियां उगानी ही होंगी. ऐसे में ये बीज उस सपने की पहली सीढ़ी हैं.