कोटा के किसान गोलू को 2.50 लाख का पुरस्कार, इन किसानों को भी मिली नकद राशि

राजस्थान सरकार की कृषक उपहार योजना के तहत किसान ई-नाम पोर्टल पर अपनी उपज बेचकर लॉटरी में शामिल हो सकते हैं और लाखों रुपये के पुरस्कार जीत सकते हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 12 May, 2025 | 06:34 PM

राजस्थान सरकार किसानों को तकनीक से जोड़ने और उन्हें डिजिटल तरीके से उपज बेचने के लिए लगातार नई पहल कर रही है. इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कृषक उपहार योजना जिसके जरिए अब किसान न सिर्फ अपनी उपज ई-नाम (e-NAM) पोर्टल पर बेच रहे हैं, बल्कि इनाम भी जीत रहे हैं. हाल ही में कृषि भवन, जयपुर में इस योजना के तहत ऑन-लाइन राज्य स्तरीय लॉटरी निकाली गई, जिसमें कई किसानों को लाखों रुपये के इनाम दिया गया हैं. वहीं इस योजना के मदद से अब राजस्थान के किसान धीरे-धीरे डिजिटल मार्केटिंग की ओर बढ़ रहे हैं. वहीं इस मौके पर कृषि विपणन विभाग के निदेशक राजेश कुमार चौहान, अतिरिक्त निदेशक रविंद्र कुमार शर्मा, और योजना प्रभारी प्रमोद कुमार सत्या सहित कई अधिकारी भी मौजूद रहे.

किसान गोलू को मिले 2.50 लाख रुपए

सोमवार को पंत कृषि भवन में कृषक उपहार योजना के तहत कृषि सचिव एवं उद्यानिकी राजन विशाल की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय लॉटरी निकाली गई है. इस लॉटरी में सबसे बड़ा इनाम कोटा कृषि उपज मंडी के किसान गोलू के नाम रहा, जिन्हें 2.50 लाख रुपये का पहला पुरस्कार मिला. वहीं हनुमानगढ़ मंडी के ओम प्रकाश को 1.50 लाख रुपये का दूसरा और कोटा मंडी के रामभरोस को 1 लाख रुपये का तीसरा पुरस्कार दिया गया हैं.

कैसे मिलते हैं इनाम?

इस योजना के तहत जो किसान अपनी उपज ई-नाम पोर्टल के जरिए बेचते हैं और भुगतान ई-पेमेंट से लेते हैं, उन्हें लॉटरी में शामिल होने का मौका मिलता है. यह लॉटरी मंडी स्तर, खंड स्तर और राज्य स्तर पर निकाली जाती है. इसके साथ ही बता दें की मंडी स्तर पर हर 6 महीने में तीन इनाम दिए जाते हैं, यह इनाम राशि 25 हजार से 10 हजार रुपए तक की होती हैं. वहीं खंड स्तर पर यह इनाम राशि 20 हजार से 50 हजार के बीच की होती हैं.

अब बात करें राज्य स्तर की तो हर साल में यह इनाम राशि 2 लाख 50 हजार से 1 लाख 50 हजार तक मिलती हैं. यह राशि मंडी समिति देती है, जिसे राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड के माध्यम से (पुनर्भरण) दिया जाता है.

योजना का उद्देश्य क्या है?

कृषक उपहार योजना का मुख्य मकसद किसानों को अपनी फसल को ई-नाम पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन बेचना और उसका भुगतान ई-पेमेंट से करने एवं कृषकों को अपनी उपज का अधिकाधिक लाभ दिलाने के लिए शुरू की गई है. जिसे पारदर्शिता बढ़ती है, बिचौलियों की भूमिका घटती है और किसानों को उपज की बेहतर कीमत मिलती है.

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Published: 12 May, 2025 | 06:34 PM

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