खेत में अच्छी फसल हो, उत्पादन ज्यादा हो और मेहनत का सही दाम मिले यही हर किसान की इच्छा होती है. लेकिन खेती की शुरुआत बीज से होती है. आजकल बाजार में बीजों की कई किस्में मिलती हैं जिनमें से सबसे ज्यादा चर्चा होती है हाइब्रिड बीज और ओपन पोलिनेटेड बीज की है. लेकिन अब सवाल यह उठता है कि किसान किस बीज को चुनें हाइब्रिड या ओपन पोलिनेटेड? इसी के साथ आइए समझते हैं इन दोनों बीजों का अंतर और इनके फायदे-नुकसान.
क्या होते हैं हाइब्रिड बीज?
हाइब्रिड या संकर बीज दो अलग-अलग पौधों को मिलाकर बनाए जाते हैं. इसे वैज्ञानिक भाषा में संकरण (Hybridization) कहा जाता है. इससे बनने वाले बीजों में दोनों पौधों के अच्छे गुण होते हैं, जैसे ज्यादा उत्पादन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और एक जैसे फल-फूल. इन्हें F1, F2 और F3 जैसे वर्गों में बांटा जाता है. हालांकि, हाइब्रिड बीजों से हर साल वही गुण नहीं मिलते, इसलिए किसान को हर बार नया बीज खरीदना पड़ता है.
ओपन पोलिनेटेड बीज क्या होते हैं?
ओपन पोलिनेटेड बीज एक खास क्षेत्र में लंबे समय से उगाए जा रहे होते हैं. इन्हें किसान खुद अपने खेत में तैयार करते हैं और अगली फसल में फिर से इस्तेमाल करते हैं. ये बीज स्व-परागण (self-pollination) से तैयार होते हैं और स्थानीय जलवायु के अनुरूप ढल जाते हैं.
दोनों बीजों में अंतर
ओपन पोलिनेटेड सस्ते और बार-बार उपयोग में लाए जा सकते हैं, स्वादिष्ट और पौष्टिकता से भरपूर होते हैं. स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार धीरे-धीरे ढल जाते हैं. हालांकि, इनसे उत्पादन थोड़ा कम हो सकता है और इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता हाइब्रिड बीज से कम होती है. वहीं, हाइब्रिड बीज अधिक उत्पादन देने की क्षमता, रोगों और कीटों से लड़ने की बेहतर ताकत एक जैसे पौधे और फल लेकिन इन बीजों के भी कुछ नुकसान हैं. जैसे, इनका स्वाद और पौष्टिकता अक्सर कम होती है, और ये काफी महंगे होते हैं. साथ ही, एक उपज के बाद अगली उपज में इनकी उत्पादन क्षमता घट जाती है.
कौन सा बीज है बेहतर?
यह किसान की जरूरत और संसाधनों पर निर्भर करता है. अगर किसान ज्यादा उत्पादन चाहते हैं तो हाइब्रिड बीज बेहतर हो सकते हैं. लेकिन अगर किसान बीजों की बचत, कम लागत और स्वाद व पौष्टिकता को प्राथमिकता देते हैं, तो ओपन पोलिनेटेड बीज बेस्ट हैं.