एक ही खेत से करें डबल कमाई, जानें धान के साथ मछली पालन का जबरदस्त फॉर्मूला

धान के खेत में मछली पालन कर किसान एक ही जमीन से दो तरह की कमाई कर सकते हैं. इससे खेत उपजाऊ बनता है, पानी की बचत होती है और कम खर्च में ज्यादा आमदनी मिलती है.

नोएडा | Updated On: 13 Jun, 2025 | 10:42 PM

खेती से कमाई बढ़ाने के लिए अब किसान पारंपरिक तरीके छोड़कर नए तरीके अपना रहे हैं. ऐसा ही एक तरीका है धान की खेती के साथ मछली पालन करना. इससे किसान एक ही खेत से दो तरह की कमाई कर सकते हैं. इस तरीके को एकीकृत मत्स्य पालन या धान-मछली खेती कहते हैं.

धान और मछली की ये खेती भारत में कई जगह पहले से हो रही है. लेकिन अब इसे और बढ़ावा दिया जा रहा है क्योंकि इससे किसानों की आमदनी बढ़ती है और खेती भी बेहतर होती है. आइए समझते हैं कि इस तरीके से किसानों को क्या-क्या फायदे होते हैं.

एक साथ दो कमाई के रास्ते

धान के खेत में मछली पालने से किसान को धान की फसल से तो कमाई होती ही है, साथ ही मछली बेचकर भी अच्छी आमदनी हो जाती है. यानी एक ही खेत में मेहनत कर दो बार मुनाफा कमाया जा सकता है. जब धान की फसल कट जाती है, तब तक मछलियां भी बिकने लायक तैयार हो जाती हैं. इससे पूरे साल कमाई का रास्ता खुला रहता है.

मछलियों से मिलती है खेत को प्राकृतिक खाद

धान के खेत में मछलियों के रहने से खेत की मिट्टी भी उपजाऊ बनती है. मछलियों का मल खेत के लिए जैविक खाद का काम करता है. इससे धान की पैदावार भी अच्छी होती है. साथ ही खेत में जो छोटे-छोटे कीड़े होते हैं, उन्हें मछलियां खा जाती हैं, जिससे फसल को नुकसान नहीं होता और रासायनिक दवाओं की जरूरत भी कम पड़ती है.

पानी का बेहतर इस्तेमाल

धान की खेती के लिए खेत में वैसे भी पानी भरा रहता है. उसी पानी में मछलियां भी पाली जा सकती हैं. इससे पानी की बचत भी होती है और खेती का पूरा फायदा उठाया जाता है. इस तरीके से किसान कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.

खेत की पूरी जमीन का उपयोग

कई बार खेत में सिर्फ एक ही फसल लेने पर जमीन का पूरा फायदा नहीं हो पाता. लेकिन जब किसान धान के साथ मछली पालन करते हैं तो खेत की पूरी जमीन और पानी दोनों का पूरा उपयोग हो जाता है. इससे खेत की उपयोगिता भी बढ़ जाती है और किसान की मेहनत भी ज्यादा रंग लाती है.

कैसे करें धान-मछली खेती

इस खेती के लिए सबसे जरूरी है पानी का सही प्रबंधन. खेत में पानी की गहराई करीब 15 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. ज्यादा पानी होने पर मछलियों को नुकसान हो सकता है. खेत के एक कोने में गहरा गड्ढा बना देना चाहिए, ताकि बारिश में अगर पानी ज्यादा हो जाए तो मछलियां उसमें सुरक्षित रह सकें.

धान के खेत में सभी मछलियां नहीं पाली जा सकतीं. इसलिए ऐसे मछली प्रजाति चुनें जो कम ऑक्सीजन वाले पानी में भी रह सके. जैसे रोहू, कतला और मृगल जैसी मछलियां इस काम के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं.

Published: 14 Jun, 2025 | 06:00 AM