Non-Veg Thali: पिछले महीने वेज और नॉन-वेज थालियों की लागत में गिरावट दर्ज की गई. इससे आम जनता ने राहत की सांस ली. क्रिसिल इंटेलिजेंस की नई रिपोर्ट ‘रोटी राइस रेट’ के मुताबिक, इस साल जून में घर पर तैयार की जाने वाली वेज और नॉन-वेज थालियों की लागत पिछले साल की तुलना में कम हो गई. इसकी बड़ी वजह है कुछ जरूरी सब्जियों के दामों में गिरावट आना है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वेज थाली कुछ ज्यादा ही सस्ती हुई है. पिछले साल जून की तुलना में इस बार वेजिटेरियन थाली की औसत कीमत में 8 फीसदी की गिरावट आई है. इसका मुख्य कारण टमाटर में 24 फीसदी, आलू में 20 फीसदी और प्याज के दाम में 27 फीसदी की गिरावट है. यह गिरावट इस वजह से आई, क्योंकि इस बार रबी सीजन की फसल अच्छी हुई और सप्लाई चेन भी सामान्य हो गई. पिछले साल फसल में बीमारी, खराब मौसम और रबी सीजन में प्याज की कम खेती से सप्लाई पर असर पड़ा था.
तेल की कीमतों में 19 फीसदी की बढ़ोतरी
इसी तरह नॉन-वेज थाली की कीमत में भी गिरावट दर्ज की गई है. जून में इसकी औसत लागत पिछले साल के मुकाबले करीब 6 फीसदी कम हो गई. इसका मुख्य कारण ब्रॉयलर चिकन के दाम में लगभग 3 फीसदी की गिरावट है, जो नॉन-वेज थाली की कुल लागत का आधा हिस्सा होता है. हालांकि, खाने-पीने की चीजों में आई सस्ती कीमतों से मिली राहत को खाने के तेल और गैस ने थोड़ा कम कर दिया. पिछले एक साल में खाने के तेल की कीमतों में 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, भले ही कस्टम ड्यूटी में कटौती की गई हो, लेकिन इसका फायदा पूरी तरह से ग्राहकों तक नहीं पहुंच पाया है.
एलपीजी सिलेंडर के दाम 6 फीसदी बढ़े
इसके अलावा, एलपीजी सिलेंडर के दाम भी सालाना आधार पर 6 फीसदी बढ़े हैं, जिससे खाना पकाने की लागत बढ़ गई है. हालांकि, महीने दर महीने आंकड़ों में हल्का उलटफेर देखने को मिला है. मई के मुकाबले जून में वेजिटेरियन थाली की कीमत 3 फीसदी बढ़कर 26.3 से 27.1 रुपये हो गई. इसकी सबसे बड़ी वजह टमाटर की कीमतों में 36 फीसदी की तेज बढ़त रही, जो मार्केट में इसकी आवक 8 फीसदी घटने के कारण हुई. इसके अलावा, आलू के दाम 4 फीसदी बढ़े, जबकि प्याज की कीमत स्थिर रही.
ब्रॉयलर चिकन के दाम में 5 फीसदी की बढ़ोतरी
इसी दौरान नॉन-वेज थाली की कीमत में भी 4 फीसदी का इजाफा हुआ है. इसकी वजह ब्रॉयलर चिकन के दाम में 5 फीसदी की बढ़ोतरी रही, जो इस बार की भीषण गर्मी के चलते सप्लाई कम होने के कारण हुआ. बता दें कि ‘रोटी राइस रेट’ एक ऐसा इंडेक्स है जो उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में घर पर बनने वाली थाली की लागत को ट्रैक करता है. इसमें अनाज, दालें, सब्जियां, मसाले, तेल और एलपीजी जैसी चीजों के औसत दामों को शामिल किया जाता है, ताकि अलग-अलग क्षेत्रों में थाली की लागत पर पड़ने वाले असर को समझा जा सके.