झींगा पालन से कमाई करनी है तो सही ढंग से बनाएं तालाब, वरना डूब जाएगा पैसा

झींगा पालन से मुनाफा कमाना है तो तालाब सही जगह और सही तरीके से बनाना जरूरी है. क्योंकि मिट्टी की क्वालिटी, पानी की शुद्धता और पोषक तत्वों की मौजूदगी ही तय करते हैं झींगे की सेहत और कमाई.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 12 Jun, 2025 | 05:25 PM

आज के समय में झींगा पालन एक अच्छा और मुनाफे वाला व्यवसाय बन गया है. लेकिन इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि तालाब कहां और कैसे बनाया गया है. अगर शुरुआत से ही सही जगह और सही तरीके से तालाब तैयार किया जाए तो लागत कम होती है और उत्पादन ज्यादा मिलता है.

सही जगह का चुनाव कैसे करें

तालाब बनाने से पहले यह देखना जरूरी है कि वह जगह सड़क से जुड़ी हो ताकि झींगे को बाजार तक ले जाना आसान हो. साइट ऐसी होनी चाहिए जहां बाढ़ का खतरा न हो और न ही मिट्टी से पानी रिसकर बाहर जाए. इसके अलावा, तालाब में पानी भरने और निकालने की सही व्यवस्था होनी चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर पानी को बदला जा सके.

तालाब बनाने के लिए मिट्टी की जांच जरूरी

तालाब बनाने के लिए मिट्टी की जांच जरूरी है. हरियाणा सरकार के मछली पालन विभाग के मुताबिक, अच्छी मिट्टी में 40 फीसदी रेत, 20 फीसदी दोमट और 40 फीसदी चिकनी मिट्टी होनी चाहिए. इसका रंग काला या भूरा हो तो और अच्छा है. वहीं, नमी 35 से 40 फीसदी तक होनी चाहिए और पानी रोकने की क्षमता भी 40 फीसदी होनी चाहिए. इसके अलावा, मिट्टी में फास्फेट 0.5 से 2.0 मिलीग्राम/100 ग्राम के बीच होना चाहिए. वहीं, क्षारीयता 0 से 150 और कठोरता 50 से 180 के बीच रहे तो तालाब झींगा पालन के लिए उपयुक्त माना जाता है.

पानी की क्वालिटी कैसी होनी चाहिए

तालाब में जो पानी इस्तेमाल होगा, उसकी क्वालिटी सबसे अहम है. पानी का तापमान 28 से 30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. वहीं, इसमें घुली हुई ऑक्सीजन 5 से 10 मिलीग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए और पानी हल्के हरे रंग का और साफ होना चाहिए, जिससे इसकी दृश्यता 35-40 सेमी तक रहे.

पानी का pH 7.0 से 8.5 के बीच होना चाहिए. इसके अलावा, फास्फेट, क्षारीयता, कठोरता, लवणता और अन्य रासायनिक मानकों को भी संतुलित रखना जरूरी है. बी.ओ.डी. (Biological Oxygen Demand) 30 से कम और सी.ओ.डी. (Chemical Oxygen Demand) 40 से कम होना चाहिए.

पोषक तत्वों की रहना जरूरी

तालाब के पानी में पादप प्लवक (फाइटोप्लैंकटन) और जोप्लांकटन की संख्या प्रति लीटर 500 से ज्यादा होनी चाहिए. ये छोटे-छोटे जीव झींगों के खाने का प्रमुख स्रोत होते हैं. इनके अधिक होने से झींगे जल्दी बढ़ते हैं और सेहतमंद रहते हैं.

झींगे को पालने के लिए तालाब का डिजाइन, गहराई, पानी की क्वालिटी और जल प्रबंधन बहुत जरूरी है. यदि तालाब की मिट्टी, पानी का बहाव, या ऑक्सीजन लेवल ठीक नहीं रहा तो इससे झींगे बीमार हो जाते हैं और मरने का चांस भी हो बढ़ जाता है. इसलिए कहा जाता है कि सही तालाब से ही सही मुनाफा हो सकता है.

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Published: 12 Jun, 2025 | 05:25 PM

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