58 साल का हुआ IFFCO, इस तरह बदली खेती-किसानी की तकनीक, किसान बन रहे आत्मनिर्भर

IFFCO के 58वें स्थापना दिवस पर चेयरमैन दिलीप संघाणी और एमडी केजे पटेल ने किसानों और सहकारी सदस्यों को शुभकामनाएं दीं. दोनों नेताओं ने नैनो फर्टिलाइजर, डिजिटल नवाचार और आत्मनिर्भर कृषि के जरिए संगठन की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला तथा भारतीय कृषि को टिकाऊ और स्मार्ट बनाने का संकल्प दोहराया.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 3 Nov, 2025 | 06:39 PM

IFFCO के 58वें स्थापना दिवस पर चेयर मैन दिलीप संघाणी ने कहा कि IFFCO की लगभग छह दशकों की यात्रा सहयोग, नवाचार और किसानों के विश्वास की ताकत को दर्शाती है. उन्होंने कहा कि IFFCO का जन्म किसानों को एकजुटता और आत्मनिर्भरता के माध्यम से सशक्त बनाने के सपने से हुआ था और आज वह सपना देश के हर गांव में साकार हुआ है. संघाणी ने आगे कहा कि IFFCO ने हमेशा तकनीक और परंपरा का मेल किया है, ताकि आधुनिक विज्ञान किसानों और मिट्टी की जरूरतों को पूरा कर सके.

उन्होंने बताया कि हमारा लक्ष्य सिर्फ खाद बनाना नहीं, बल्कि किसानों की समृद्धि बढ़ाना है. डिजिटल समाधानों से लेकर नैनो फर्टिलाइजर  तक, IFFCO लगातार कृषि विकास की नई परिभाषा गढ़ रहा है. भविष्य में हमारा मकसद है कि भारतीय कृषि को और अधिक टिकाऊ, उत्पादक और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जाए. वहीं, इस मौके पर दिलीप संघाणी और IFFCO के मैनेजिंग डायरेक्टर केजे पटेल ने सभी किसानों, सहकारी सदस्यों और कर्मचारियों को शुभकामनाएं दीं. दोनों नेताओं ने भारत के सहकारी आंदोलन और कृषि विकास में IFFCO परिवार के योगदान और समर्पण के लिए आभार व्यक्त किया. 

कृषि क्षेत्र की सेवा के लिए समर्पित है IFFCO 

केजे पटेल ने अपने संदेश में कहा कि IFFCO हमेशा से भारतीय किसानों और कृषि क्षेत्र  की सेवा के लिए समर्पित रहा है. उन्होंने बताया कि नई पीढ़ी की नैनो-टेक्नोलॉजी उत्पादों के जरिए IFFCO खेती में एक नई क्रांति ला रहा है. पटेल ने बताया कि IFFCO के नैनो फर्टिलाइजर नैनो यूरिया, नैनो डीएपी और नैनो कॉपर किसानों को बेहतर पोषण, अधिक उत्पादन और उच्च गुणवत्ता देते हैं. साथ ही खर्च और पर्यावरणीय प्रभाव दोनों को कम करते हैं. उन्होंने कहा कि IFFCO का बड़ा सहकारी नेटवर्क न सिर्फ किसानों को सशक्त बनाता है, बल्कि ग्रामीण उत्पादकों को विकास, नवाचार और आत्मनिर्भरता अपनाने के लिए प्रेरित करता है.

36,000 से अधिक सोसाइटीज जुड़े IFFCO से

केजे पटेल ने कहा कि 3 नवंबर 1967 को स्थापित IFFCO ने सिर्फ 57 सदस्य सोसाइटीज से शुरुआत की थी और आज यह 36,000 से अधिक सोसाइटीज का प्रतिनिधित्व करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा सहकारी संगठन बन गया है, जो पांच करोड़ से ज्यादा किसानों की सेवा कर रहा है. इसके कलोल, कांडला, ओंला, फूलपुर और पारादीप स्थित प्लांट अपनी दक्षता, विश्वसनीयता और पर्यावरण-हितैषी संचालन के लिए जाने जाते हैं. IFFCO ने खाद से आगे बढ़कर डिजिटल कॉमर्स, ग्रामीण वित्त, नवीकरणीय ऊर्जा और किसान कल्याण के क्षेत्रों में भी कदम बढ़ाया है. IFFCO बाजार और डिजिटल सलाह प्लेटफॉर्म जैसी पहल के जरिए संगठन ने किसानों तक कृषि उत्पाद, जानकारी और तकनीकी नवाचार आसानी से पहुंचाए हैं.

हर किसान को सशक्त बनाएगा

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहकारी उत्कृष्टता, स्थिरता और तकनीकी नवाचार  के लिए कई पुरस्कार जीतने वाला IFFCO , आज भी “जय किसान, जय सहकार” की भावना को जीवंत रखे हुए है. अपने 58वें स्थापना दिवस पर, IFFCO ने एक बार फिर संकल्प लिया है कि वह हर किसान को सशक्त बनाएगा और भारतीय कृषि को स्मार्ट, हरित और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर ले जाएगा.

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Published: 3 Nov, 2025 | 06:33 PM

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