Dussehra : दशहरा का त्योहार असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है. यह दिन भगवान राम द्वारा रावण वध और मां दुर्गा द्वारा महिषासुर मर्दन की याद दिलाता है, जिससे बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश मिलता है.
Shastra Pujan: इस दिन घर में शस्त्र और शमी के पौधों की पूजा की जाती है. शस्त्र पूजन से परिवार की सुरक्षा और शक्ति में वृद्धि होती है, जबकि शमी पूजन से समृद्धि, सौभाग्य और खुशहाली आती है.
Shubh Muhurat: विजय मुहूर्त 2 अक्टूबर 2025 को दोपहर 02:09 से 02:56 बजे तक रहेगा. इस समय पूजा और नए कार्य करने से लाभ और सकारात्मक ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है, इसलिए इस मुहूर्त का विशेष महत्व है.
Puja Vidhi: दशहरे के दिन ब्राह्म मुहूर्त 04:38–05:26, अभिजित मुहूर्त 11:46–12:34, गोधूलि मुहूर्त 06:06–06:30 और अमृत काल 11:01–12:38 (रात) भी विशेष फलदायी माने जाते हैं. इन मुहूर्तों में किए गए कार्य और पूजा का प्रभाव लंबे समय तक रहता है.
Dussehra Pujan: दशहरे के दिन विजय मुहूर्त में नए काम शुरू करना, व्यापार या खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इस समय किए गए प्रयासों में सफलता, समृद्धि और सकारात्मक परिणाम की संभावना अधिक होती है.