Dussehra 2025: रावण दहन का वो खास समय, जो बदल सकता है आपका भाग्य! जानें शुभ मुहूर्त, पाएं सौभाग्य!

Dussehra 2025: दशहरा 2025 एक ऐसा पर्व है जो सिर्फ असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व से भी भरा हुआ है. इस दिन शस्त्र पूजन, शमी पूजन और रावण दहन के शुभ मुहूर्त पूरे दिन को विशेष बना देते हैं. माना जाता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कर्म और नए कार्यों में सौगुणा और समृद्धि आती है. यही वजह है कि हर साल लोग पूजा और रावण दहन के लिए विशेष तैयारी करते हैं, ताकि जीवन में खुशहाली, शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे.

Isha Gupta
नोएडा | Updated On: 2 Oct, 2025 | 08:05 AM
1 / 6Dussehra : दशहरा का त्योहार असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है. यह दिन भगवान राम द्वारा रावण वध और मां दुर्गा द्वारा महिषासुर मर्दन की याद दिलाता है, जिससे बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश मिलता है.

Dussehra : दशहरा का त्योहार असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है. यह दिन भगवान राम द्वारा रावण वध और मां दुर्गा द्वारा महिषासुर मर्दन की याद दिलाता है, जिससे बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश मिलता है.

2 / 6Shastra Pujan: इस दिन घर में शस्त्र और शमी के पौधों की पूजा की जाती है. शस्त्र पूजन से परिवार की सुरक्षा और शक्ति में वृद्धि होती है, जबकि शमी पूजन से समृद्धि, सौभाग्य और खुशहाली आती है.

Shastra Pujan: इस दिन घर में शस्त्र और शमी के पौधों की पूजा की जाती है. शस्त्र पूजन से परिवार की सुरक्षा और शक्ति में वृद्धि होती है, जबकि शमी पूजन से समृद्धि, सौभाग्य और खुशहाली आती है.

3 / 6Shubh Muhurat: विजय मुहूर्त 2 अक्टूबर 2025 को दोपहर 02:09 से 02:56 बजे तक रहेगा. इस समय पूजा और नए कार्य करने से लाभ और सकारात्मक ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है, इसलिए इस मुहूर्त का विशेष महत्व है.

Shubh Muhurat: विजय मुहूर्त 2 अक्टूबर 2025 को दोपहर 02:09 से 02:56 बजे तक रहेगा. इस समय पूजा और नए कार्य करने से लाभ और सकारात्मक ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है, इसलिए इस मुहूर्त का विशेष महत्व है.

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5 / 6Puja Vidhi: दशहरे के दिन ब्राह्म मुहूर्त 04:38–05:26, अभिजित मुहूर्त 11:46–12:34, गोधूलि मुहूर्त 06:06–06:30 और अमृत काल 11:01–12:38 (रात) भी विशेष फलदायी माने जाते हैं. इन मुहूर्तों में किए गए कार्य और पूजा का प्रभाव लंबे समय तक रहता है.

Puja Vidhi: दशहरे के दिन ब्राह्म मुहूर्त 04:38–05:26, अभिजित मुहूर्त 11:46–12:34, गोधूलि मुहूर्त 06:06–06:30 और अमृत काल 11:01–12:38 (रात) भी विशेष फलदायी माने जाते हैं. इन मुहूर्तों में किए गए कार्य और पूजा का प्रभाव लंबे समय तक रहता है.

6 / 6Dussehra Pujan: दशहरे के दिन विजय मुहूर्त में नए काम शुरू करना, व्यापार या खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इस समय किए गए प्रयासों में सफलता, समृद्धि और सकारात्मक परिणाम की संभावना अधिक होती है.

Dussehra Pujan: दशहरे के दिन विजय मुहूर्त में नए काम शुरू करना, व्यापार या खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इस समय किए गए प्रयासों में सफलता, समृद्धि और सकारात्मक परिणाम की संभावना अधिक होती है.

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Published: 2 Oct, 2025 | 06:45 AM

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