फल-सब्जी छोड़कर करें इस महंगे मसाले की खेती, सालों-साल होगी मोटी कमाई

काली मिर्च की खेती लंबे समय तक लगातार मुनाफा देती है. इसका पौधा एक बार लगाते हैं तो कई सालों तक फल देता रहता है. बाजार में इसकी कीमत हमेशा स्थिर और अच्छी रहती है. यही वजह है कि किसान और मसाला उद्यमी इसे बेहद पसंद करते हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 2 Sep, 2025 | 08:40 AM

फल और सब्जियों की खेती से बेहतर मुनाफा कमाना चाहते हैं? तो काली मिर्च की खेती आपके लिए सोने पर सुहागा साबित हो सकती है. यह मसाला न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी बहुत मांग में है. इसे अक्सर “मसालों की रानी” कहा जाता है. हर खाने के व्यंजन में इसका तीखा और खुशबूदार स्वाद खाने का मजा दोगुना कर देता है. अगर आप सोच रहे हैं कि फल-सब्जी की जगह किस मसाले की खेती करें, तो काली मिर्च आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है.

काली मिर्च की खेती क्यों है लाभकारी?

काली मिर्च की खेती लंबे समय तक लगातार मुनाफा देती है. इसका पौधा एक बार लगाते हैं तो कई सालों तक फल देता रहता है. बाजार में इसकी कीमत हमेशा स्थिर और अच्छी रहती है. यही वजह है कि किसान और मसाला उद्यमी इसे बेहद पसंद करते हैं. इसके अलावा, काली मिर्च का पौधा कम जगह में उग सकता है और इसे आप छाया वाले या आंशिक धूप वाले स्थान में भी उगा सकते हैं.

काली मिर्च की खेती के लिए जरूरी चीजें

खेत और मिट्टी का चयन

काली मिर्च की खेती के लिए लाल लेटराइट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. मिट्टी का पीएच 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए. यह पौधा नमी और आंशिक धूप पसंद करता है. बहुत तेज धूप में इसे नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए छाया वाली जगह या ग्रीनहाउस में उगाना बेहतर होता है.

पौधारोपण की तैयारी

काली मिर्च को बीज या क्लोनिंग (cutting) के माध्यम से लगाया जा सकता है. बीज को बोने से पहले पानी में भिगोकर अंकुरित करना जरूरी है. गमले या खेत की मिट्टी में सड़ी हुई गोबर या जैविक खाद मिलाकर मिट्टी को उपजाऊ बनाएं. यदि आप क्लोनिंग से पौधा उगाते हैं, तो ताजा पौधे की 6-8 इंच की कलम काटकर मिट्टी में लगाएं. हल्का पानी दें और जड़ जमने तक नियमित निगरानी करें.

सिंचाई और पोषण

काली मिर्च के पौधों को पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन जलभराव से बचाना जरूरी है. 30 दिन के अंतराल पर जैविक खाद या गोबर की खाद डालें. इससे पौधा स्वस्थ और हरा-भरा रहेगा.

तापमान और देखभाल

काली मिर्च के लिए 32 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सबसे अच्छा माना जाता है. पौधों को समय-समय पर छांटते रहें ताकि उनका विकास संतुलित हो. कीट और रोगों से बचाव के लिए जैविक तरीके अपनाएं. बड़े पैमाने पर उगाने के लिए ग्रीनहाउस तकनीक भी मददगार साबित होती है.

फसल कटाई और बिक्री

पौधारोपण के शुरुआती दो साल में पौधा पूरी तरह विकसित होता है. तीसरे साल से नियमित उत्पादन शुरू होता है. कटाई के बाद ताजी काली मिर्च को स्थानीय बाजार या एक्सपोर्ट मार्केट में बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.एक एकड़ खेत में अच्छी देखभाल से 2 से 4 लाख रुपये तक की कमाई संभव है. विदेशी बाजार में इसकी मांग और अधिक है, इसलिए एक्सपोर्ट से अतिरिक्त लाभ उठाया जा सकता है.

मुनाफे की संभावना

काली मिर्च की खेती से किसान शानदार मुनाफा कमा सकते हैं. एक एकड़ खेत में अच्छी देखभाल के साथ 2 से 4 लाख रुपये तक की कमाई संभव है. विदेशी बाजार में इसकी मांग और भी अधिक है, इसलिए एक्सपोर्ट से अतिरिक्त लाभ उठाया जा सकता है.

इस मसाले की खेती से आप न सिर्फ सालों-साल निरंतर आमदनी कर सकते हैं, बल्कि छोटे किसानों के लिए यह खेती कम लागत में बड़ा मुनाफा देने वाली साबित होती है. अगर आप सही समय पर पौधारोपण और उचित देखभाल करें, तो काली मिर्च आपकी आमदनी का स्थायी स्रोत बन सकती है.

इन बातों का रखें ध्यान

पौधों को समय-समय पर छांटते रहें ताकि वे स्वस्थ और हरे-भरे रहें. कीट और रोगों से बचाव के लिए जैविक तरीके अपनाएं. इसके अलावा, अगर आप इसे बड़े पैमाने पर उगाना चाहते हैं तो ग्रीनहाउस तकनीक का उपयोग भी किया जा सकता है.

कुल मिलाकर, फल-सब्जी की खेती से बेहतर विकल्प ढूंढ रहे किसान और उद्यमियों के लिए काली मिर्च की खेती एक शानदार अवसर है. यह न सिर्फ लाभकारी है बल्कि कम मेहनत में लंबे समय तक आमदनी देने वाला मसाला है.

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