भारत-रूस के बीच खाद्य सुरक्षा पर लगी मुहर, बासमती सहित इन मसालों का दीवाना है दोस्त मुल्क

भारत और रूस ने द्विपक्षीय बैठक में खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण में समझौते किए. इससे कृषि निर्यात-आयात बढ़ेगा. भारत रूस को बासमती चावल, मसूर, चाय और डेयरी उत्पाद भेजता है, जबकि रूस से तेल, उर्वरक और लकड़ी आयात करता है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 5 Dec, 2025 | 06:10 PM

Agriculture News: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का आज दूसरा दिन है. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय बैठक की. बैठक के बाद दिल्ली में पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने संयुक्त प्रेस बयान जारी किया. इस बैठक से पहले भारत और रूस ने खाद्य सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौते किए. खबरों के अनुसार, पीएम मोदी और पुतिन की बातचीत के बाद दोनों देशों ने बंदरगाह और शिपिंग सेक्टर में सहयोग के लिए भी एमओयू साइन किया. इसके अलावा, दोनों देशों ने अपनी अर्थव्यवस्था के रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की योजना भी फाइनल की. खास बात यह है कि खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण के समझौतों में भारत की FSSAI और रूस के उपभोक्ता संरक्षण संगठन शामिल हैं.

ऐसे में जानकारों का कहना है कि दोनों देशों के बीच हुए खाद्य सुरक्षा  समझौते से कृषि उत्पादों के आयात- निर्यात में बढ़ोतरी होगी. ऐसे भी भारत और रूस के बीच खाद्य व्यापार बढ़ रहा है. भारत रूस को बासमती चावल, चाय, मसाले, मसूर की दाल, प्याज, अदरक और डेयरी उत्पाद भेजता है. वहीं, रूस से भारत तेल, उर्वरक और लकड़ी आयात करता है. लेकिन भारत का रूस के साथ व्यापार घाटा ज्यादा है. इसे कम करने के लिए भारत अपने कृषि और खाद्य निर्यात, खासकर डेयरी और सी-फूड, बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है, जो पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते नए अवसर भी पैदा कर रहा है.

मसालों की भी है खूब डिमांड

दरअसल, रूसी लोग चाय बहुत पीते हैं. वहां कई घरों में भारतीय चाय को खास माना जाता है. वहां पर भारतीय इलायची, हल्दी  और गरम मसाला की बहुत डिमांड रहती है. इसके अलावा रूप में भारत से बासमती चावल लगातार निर्यात होता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूसी लोग भारत के उच्च गुणवत्ता वाले बासमती चावल भी खूब पसंद करते हैं. यह चावल सुगंधित और स्वादिष्ट होता है और सेहत के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें फाइबर अधिक और ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. इसी वजह से भारत से रूस में बासमती चावल निर्यात किया जाता है.

सब्जियों का भी होता है निर्यात

रूस भारत से बड़े पैमाने पर दालें भी खरीदता है, जिसमें सबसे ज्यादा मसूर की दाल  शामिल है. इसके अलावा, मूंग, चना और पीली मटर की दाल भी निर्यात होती है. भारत से रूस में कॉफी, चावल, केला, पपीता, प्रोसेस्ड फूड और मीट भी भेजा जाता है. बात अगर सब्जियों की करें तो भारत प्याज, पत्तागोभी, लहसुन, अदरक और जड़ वाली सब्जियों को रूस में निर्यात करता है. एक्सपोर्ट डेटा के मुताबिक, 2024-25 में रूस को सब्जियों का कुल निर्यात 75,229,407 डॉलर रहा.

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Published: 5 Dec, 2025 | 06:09 PM

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