दुनिया में बिखरी भारतीय मसालों की खुशबू, 4.72 अरब डॉलर का रिकॉर्ड निर्यात

भारत विश्व का सबसे बड़ा मसाला उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक देश है. साल 2024-25 में मसालों के निर्यात में 6 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो पिछले साल के 4.46 अरब डॉलर से बढ़कर 4.72 अरब डॉलर हो गया.

नई दिल्ली | Published: 10 Jun, 2025 | 02:59 PM

भारत के मसाले सिर्फ हमारे खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाते, बल्कि विदेशों में भी अपनी अलग पहचान बना चुके हैं. साल 2024-25 में भारत ने मसालों का रिकॉर्ड 4.72 अरब डॉलर का निर्यात किया है. यह न सिर्फ देश की आर्थिक ताकत को दर्शाता है, बल्कि बताता है कि दुनिया भर में भारतीय मसालों की मांग तेजी से बढ़ रही है. खासतौर पर जीरा, हल्दी, काली मिर्च और इलायची जैसे मसाले लोगों की पहली पसंद बन रहे हैं.

भारत बना विश्व का मसाला केंद्र

भारत विश्व का सबसे बड़ा मसाला उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक देश है. साल 2024-25 में मसालों के निर्यात में 6 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो पिछले साल के 4.46 अरब डॉलर से बढ़कर 4.72 अरब डॉलर हो गया. भारत का लक्ष्य है कि वह 2030 तक 10 अरब डॉलर और 2047 तक 25 अरब डॉलर के मसाला निर्यात को हासिल करे. यह सपना पूरा करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों, किसानों और उद्योग जगत के बीच बेहतर तालमेल बनाया जा रहा है.

मिर्च में मूल्य गिरावट, मगर मांग बरकरार

मिर्च भारतीय मसालों के निर्यात में सबसे बड़ा हिस्सा रखती है. हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 में मिर्च के निर्यात मूल्य में 11 फीसदी की कमी आई और यह 1.34 अरब डॉलर रह गया, लेकिन निर्यात की मात्रा 19 फीसदी बढ़कर 7.15 लाख टन हो गई. इसका मतलब यह है कि मिर्च की वैश्विक मांग अब भी मजबूत है, लेकिन कीमतों में उतार-चढ़ाव एक चुनौती बनी हुई है.

जीरा और हल्दी ने चमकाई भारत की शान

जीरा और हल्दी के निर्यात में भी काफी बढ़ोतरी देखी गई है. जीरा का निर्यात 5 फीसदी बढ़कर 732.35 मिलियन डॉलर हो गया है, वहीं हल्दी ने तो अपनी मांग में 51 फीसदी की जबरदस्त छलांग लगाई है. हल्दी का निर्यात 341 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. हल्दी के स्वास्थ्य लाभों की वजह से इसकी लोकप्रियता दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है.

स्पाइस ऑयल्स और काली मिर्च की बढ़ती मांग

स्पाइस ऑयल्स और ओलियोरेसिन भी निर्यात में अहम भूमिका निभा रहे हैं. इनका निर्यात 8 फीसदी बढ़कर 535.92 मिलियन डॉलर पहुंचा है. काली मिर्च का निर्यात 40 फीसदी बढ़कर 124.54 मिलियन डॉलर हो गया है. इलायची का निर्यात भी 53 फीसदी बढ़कर 184.65 मिलियन डॉलर तक पहुंचा है. इन मसालों की खुशबू और स्वाद की वजह से भारत की मसाला बाजार में अलग पहचान बनी है.

करी पाउडर और पुदीना का कमाल

करी पाउडर और पेस्ट का निर्यात भी 17 फीसदी बढ़ा है, जो 247.59 मिलियन डॉलर तक पहुंचा है. पुदीना उत्पादों का निर्यात 417.8 मिलियन डॉलर रहा, हालांकि उनकी मात्रा में थोड़ी कमी आई है. ये मसाले भारतीय खाने की लोकप्रियता को विश्व स्तर पर दर्शाते हैं.

25 अरब डॉलर का लक्ष्य

भारत मसाला उद्योग को लेकर काफी बड़े सपने देख रहा है. सरकार ने 2030 तक 10 अरब डॉलर और 2047 तक 25 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा है. इसके लिए गुणवत्ता सुधार, मूल्य स्थिरता और नए बाजारों तक पहुंच को बढ़ावा दिया जा रहा है. विशेषज्ञ मानते हैं कि जैविक मसालों और स्पाइस ऑयल्स की बढ़ती मांग इस लक्ष्य को साकार करने में मदद करेगी.