गर्मी का असर सिर्फ इंसानों पर नहीं पड़ता, पशुओं को भी इसका भारी नुकसान झेलना पड़ता है. तेज धूप, गर्म हवाएं और बढ़ता तापमान उनके शरीर पर सीधा असर डालता है. अगर सही देखभाल न हो तो पशुओं में थकावट, बीमारी और दूध उत्पादन में कमी जैसी दिक्कतें आने लगती हैं. ऐसे में जरूरी है कि पशुओं को गर्मी से बचाने के पूरे इंतजाम किए जाएं, ताकि उनकी सेहत भी ठीक रहे और किसान को नुकसान भी न हो.
ताजा हवा का इंतजाम करें
गर्मी से बचाव की शुरुआत वहीं से होती है जहां आपके पशु बंधे हैं. पशु बाड़े में शुद्ध हवा का आना-जाना बहुत जरूरी है. अगर बाड़े में गरम और गंदी हवा ठहर जाए तो इससे पशुओं के शरीर का तापमान और बढ़ जाता है. इसलिए बाड़े में रोशनदान, खिड़कियां और वेंटिलेशन का खास ध्यान रखें. हवा आती-जाती रहेगी तो गर्मी का असर कुछ कम पड़ेगा.
नहलाना भी जरूरी
गर्मी के दिनों में पशुओं के शरीर को ठंडा रखना बेहद जरूरी होता है. इसके लिए सबसे आसान और कारगर तरीका है, उन्हें ठंडा पानी से नहलाना. ध्यान देने की बात यह है कि भैंसों को दिन में कम से कम दो बार ठंडे पानी से नहलाएं. इससे शरीर की गर्मी उतरती है और पशु राहत महसूस करते हैं.
ठंडा पानी पिलाना न भूलें
गर्मियों में पशु भी इंसानों की तरह जल्दी प्यासे हो जाते हैं. अगर उन्हें पर्याप्त मात्रा में ठंडा और साफ पानी समय-समय पर पिलाया जाए तो उनके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और हीट स्ट्रेस का खतरा भी घट जाएगा. इसके लिए पानी के बर्तन हमेशा भरे हुए और साफ होने चाहिए।
सही जगह पर बांधें पशु
अक्सर देखा जाता है कि किसान अपने पशुओं को टीन शेड या कम ऊंचाई वाली छत के नीचे बांध देते हैं. यह तरीका गर्मी में नुकसानदायक साबित हो सकता है क्योंकि टीन की छत जल्दी गरम हो जाती है और नीचे का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. इससे पशु बेचैन हो सकते हैं और उनका स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है. इसलिए पशुओं को खुली, हवादार और छायादार जगह पर बांधना ज्यादा सही रहता है.
नियमित निगरानी रखें
गर्मी के मौसम में पशुओं के स्वास्थ्य पर नियमित नजर रखना जरूरी है. अगर किसी पशु में सुस्ती, ज्यादा पसीना, कम चारा खाना या तेज सांस लेने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें. जल्दी इलाज कराने से बड़ी समस्या टल सकती है.