पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण योजना (LHDCP) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य हमारे देश के पशुधन को स्वस्थ रखना और बीमारियों से बचाना है. भारत में बड़ी संख्या में गाय, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर जैसे पशु हैं, जो लाखों लोगों की रोजी-रोटी का जरिया हैं. इसलिए इनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है ताकि पशुपालन से जुड़ी आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहे और लोग अच्छी आमदनी कर सकें.
टीकाकरण से मजबूत होगी रोग प्रतिरोधक क्षमता
पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण योजना के तहत खुरपका-मुंहपका (FMD), गोजातीय ब्रुसेलोसिस, पेस्ट डेस पेटिट्स रुमिनेंट (PPR) और क्लासिकल स्वाइन फीवर (CSF) जैसी खतरनाक बीमारियों को जड़ से खत्म करने के लिए जानवरों का नियमित टीकाकरण किया जा रहा है. इस टीकाकरण से पशुओं की रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ेगी और बीमारियों का असर कम होगा. इससे दूध और मांस उत्पादन की क्वालिटी में सुधार होगा और पशुपालकों की आमदनी भी बढ़ेगी.
मोबाइल वेट यूनिट से घर बैठे मिलेगा इलाज
अब गांवों में पशुओं को इलाज के लिए दूर शहर नहीं ले जाना पड़ेगा. पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण योजना (LHDCP) के तहत मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां (MVU) शुरू की गई हैं, जो सीधे किसानों के गांव में पहुंचकर पशुओं का इलाज करेंगी. इससे न सिर्फ समय बचेगा, बल्कि खर्च भी कम होगा. इन यूनिट्स में डॉक्टर, दवाइयां और जरूरी उपकरण मौजूद रहते हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में तुरंत सेवा मिल सके.
सस्ती दवाइयों की उपलब्धता और राज्यों को सहायता
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (PM-KSK) और सहकारी समितियों के जरिए जेनेरिक व एथनो-पशु चिकित्सा दवाएं सस्ती दरों पर उपलब्ध करा रही है. ये दवाइयां सुरक्षित और प्रभावी होती हैं. वहीं, पशुपालन और डेयरी विभाग (ASCAD) के द्वारा राज्यों को आर्थिक मदद भी दी जाती है ताकि वे अपने हिसाब से स्थानीय बीमारियों से लड़ने के लिए तैयारी कर सकें.
2030 तक खत्म होंगे पशु रोग
पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण योजना का लक्ष्य है कि 2030 तक खुरपका, मुंहपका और पेस्ट डेस पेटिट्स रुमिनेंट जैसी खतरनाक बीमारियों को पूरी तरह खत्म किया जाए. इससे देश के पशुधन क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और किसानों का जीवन बेहतर होगा.