फसल बीमा घोटाला होने का आरोप लगाते हुए किसान नेताओं ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है. कल यानी 2 दिसंबर को उपायुक्त कार्यालयों का घेराव और विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया गया है. किसान नेता लखविंदर सिंह औलख ने कहा कि करीब 24 महीने बीतने के बाद भी किसानों को फसल बीमा का क्लेम नहीं दिया गया है. कई बार शिकायती पत्र देकर मामले पर कार्रवाई की मांग की गई, लेकिन सरकार और प्रशासन ने किसानों ने मुंह फेर लिया है. ऐसे में अब किसानों के पास आंदोलन के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा है. वहीं, मंडियों में खरीद में धोखाधड़ी, खाद बिक्री में टैगिंग समेत अन्य मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन होगा.
भारतीय किसान एकता हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने कहा कि खरीफ सीजन 2024 में सिरसा जिले के 25 गांवों के हजारों किसानों ने नरमा समेत अन्य फसलों का बीमा कराया था. उस वक्त गुलाबी सुंडी की वजह से नरमा को भारी नुकसान पहुंचा और अन्य कीटों के प्रकोप के साथ विपरीत मौसम के चलते फसल बुरी तरह प्रभावित हुई. फसल नुकसान की भरपाई के लिए बीमा कंपनियों और प्रशासन की ओर से सर्वे करके भुगतान का भरोसा दिया गया है, लेकिन अब तक किसानों को भुगतान नहीं किया गया है.
2023 और 2024 का बीमा क्लेम विवाद नहीं सुलझा
किसान नेता ने कहा कि पिछले कई सालों से नरमे की खेती गुलाबी सूंडी, सफेद मच्छर, भारी बरसात में जल भराव से बर्बाद हो रही है. खरीफ 2023 में बीमा कंपनी की ओर से कई महीनों बाद बीमा क्लेम देने की बजाय किसानों का बीमा प्रीमियम वापस कर दिया था, जिसका अभी तक समाधान नहीं हुआ है. इसके साथ ही खरीफ 2024 में सिरसा जिले के 25 गांवों का बीमा क्लेम रुका हुआ है.
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मंडियों में खरीद के नाम पर किसानों से लूट हो रही
लखविंदर सिंह औलख ने कहा कि पिछले दिनों भारी बरसात, जल भराव, हिसार घग्गर ड्रेन से हुई तबाही का मुआवजा और बीमा क्लेम जारी किया जाए, मंडियों में किसानों के साथ हो रही लूट को बंद किया जाए, कालांवाली की फग्गू अनाज मंडी में किसानों के साथ धान खरीद में हुई धोखाधड़ी की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए. इसके साथ ही मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल में गलत तरीके से पंजीकरण करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया जाए.
ट्रैक्टर की रजिस्ट्रेशन फीसद और खाद बिक्री में टैगिंग पर रोक लगे
उन्होंने कहा कि बाजरे की भावांतर योजना के तहत किसानों के साथ खरीद में हुई लूट जांच की जाए, सीसीआई द्वारा नरमे की खरीद में अनावश्यक पोर्टल हटाकर सीधी खरीद चालू की जाए, किसानों के ट्रैक्टर पर बढ़ी हुई रजिस्ट्रेशन फीस वापस ली जाए. उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री भारत सरकार व हरियाणा सरकार बार-बार बयान दे रही है कि यूरिया व डीएपी के साथ टैगिंग नहीं होगी, लेकिन फिर भी कोऑपरेटिव सोसायटियों, इफको सेंटरों व कुछ प्राइवेट सेंटर किसानों को टैगिंग के साथ खाद दे रहे हैं, उन पर अंकुश लगाया जाए.
डीसी दफ्तर का घेराव के साथ विरोध प्रदर्शन होगा
सिरसा अनाज मंडी में बासमती की खरीद बोली के माध्यम से हो न की पर्चियों के साथ, पिछले कई सालों से बागवानी वाले किसानों की सब्सिडी जारी नहीं की गई है. वह तुरंत प्रभाव से जारी की जाएं. किसान आंदोलन 2020 व 2024 के किसानों पर हुए मुकदमे वापस किए जाएं. इन तमाम मांगों को लेकर मंगलवार 2 दिसंबर 2025 को सुबह 10.30 बजे किसान शहीद भगत सिंह पार्क बरनाला रोड पर इकट्ठे होंगे और वहां से 11.00 बजे डीसी दफ्तर सिरसा में विरोध प्रदर्शन और घेराव करेंगे.