दालों की मांग में तेजी से इजाफा, आने वाले दिनों में होगी सबसे मजबूत कमोडिटी!

गेहूं और मक्का जैसे मुख्य अनाजों की तुलना में दालों का उत्‍पादन कम होता है लेकिन इसके बावजूद उनकी मांग में इजाफा हो रहा है. छोले, सूखे मटर और मसूर - के व्यापार और मांग में वृद्धि देखी जा रही है.

Kisan India
Noida | Updated On: 28 Mar, 2025 | 06:10 PM

अगर आपको लगता है कि अलग-अलग तरह की दालों का सिर्फ भारत से ही नाता है, तो आप गलत हैं. हाल ही में आई एक रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो इस समय भारत के अलाव दुनिया के कई देशों में दालों की मांग में तेजी से इजाफा हो रहा है. दालों को अब एक महत्‍वपूर्ण कृषि उत्‍पाद माना जाता है और एक अनुमान के अनुसार हर साल दुनिया में 100 मिलियन टन दालों का उत्‍पादन हो रहा है. दूसरी तरफ राबोबैंक की रिपोर्ट भी इसी तथ्‍य की पुष्टि करती है.

क्‍यों बढ़ रही है दालों में रुचि

राबोबैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि दालों ने अपनी स्थिति आज के दौर में इतनी मजबूत कर ली है कि अगले कुछ सालों में दालों का उत्‍पादन बड़े स्‍तर पर होगा और इस तरह से वो सबसे ज्‍यादा कारोबार की जाने वाली कमोडिटी के तौर पर तब्‍दील हो जाएंगी. राबोबैंक के सीनियर एनालिस्‍ट विश्लेषक वीटो मार्टिएली की तरफ से लिखी गई रिपोर्ट में दालों की बढ़ती मांग पर का जिक्र किया गया है.

रिपोर्ट में दालों के स्‍वास्‍थ्‍य फायदों और उनमें बढ़ती उपभोक्ता रुचि को आधार बनाया गया है. मार्टिएली ने लिखा है कि दालों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिसका एक कारण उनकी स्थिरता है. इसमें प्राकृतिक तौर पर रूप से मिट्टी को और उपजाऊ बनाने के अलावा ग्रीनहाउस गैस को अब्‍जॉर्व करने का गुण खासतौर पर शामिल है.

छोले, सूखे मटर और मसूर की मांग ज्‍यादा

उन्‍होंने कहा है कि गेहूं (1.2 बिलियन टन) और मक्का (800 मिलियन टन) जैसे मुख्य अनाजों की तुलना में दालों का उत्‍पादन कम होता है लेकिन इसके बावजूद उनकी मांग में इजाफा हो रहा है. वीटो का कहना है कि विशेष रूप तौर पर छोले, सूखे मटर और मसूर – के व्यापार और मांग में वृद्धि देखी जा रही है. इन तीन किस्मों का अकेले कुल दाल उत्पादन में 40 फीसदी हिस्सा है, जिसमें छोले के प्रमुख उत्पादक के तौर पर भारत, रूस, अमेरिका, कनाडा, यूरोपियन यूनियन और यूक्रेन (सूखे मटर के लिए) के अलावा मसूर के लिए कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल हैं.

नए खिलाड़ी और नए बाजार!

अंतरराष्‍ट्रीय अनाज परिषद (आईजीसी) के अनुसार, सूखी मटर, चना और मसूर दालों का दालों के कुल वैश्विक व्यापार में 68 फीसदी हिस्सा है. दालों का ग्‍लोबल ट्रेड के नए बाजार बन रहे हैं और नए खिलाड़ी सामने आ रहे हैं. रूस ने सूखी मटर के निर्यात में अपनी भूमिका का विस्तार किया है, मिस्र फवा बीन्स का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है, अर्जेंटीना ने विभिन्न प्रकार की बीन्स के अपने निर्यात में वृद्धि की है. इसी तरह से तुर्की ने खुद को मीडिल ईस्‍ट पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में दालों के प्रसंस्करण और वितरण के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित कर लिया है.

साल 2015 से दालों का वैश्विक व्यापार 29 फीसदी बढ़ा है, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) तीन फीसदी है. आईजीसी का अनुमान है कि साल 2024 में दालों का व्यापार करीब 21 मिलियन टन तक पहुंच गया हे जो कुल दाल उत्पादन का करीब 20 फीसदी है. हालांकि, ये आंकड़े वैश्विक गेहूं व्यापार की तुलना में अभी भी कम हैं, जो पिछले साल 210 मिलियन टन तक पहुंच गया था.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 28 Mar, 2025 | 06:09 PM

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?

Side Banner

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?