उत्तर प्रदेश के बाराबंकी की आठवीं कक्षा की बिटिया पूजा पाल ने किसानों की बड़ी समस्या को हल करने के लिए यंत्र ईजाद कर डाला है. इसके लिए छात्रा को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू छात्रा को 26 दिसंबर को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करेंगी. छात्रा ने कहा कि उन्हें अपने मॉडल को लेकर जापान भी भेजा गया है. इससे पहले वह कई नवाचारों के लिए भी पुरस्कार हासिल कर चुकी हैं.
आठवीं कक्षा की पूजा को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित करेंगी राष्ट्रपति
यूपी के बाराबंकी जिले की बाल वैज्ञानिक पूजा पाल को 26 दिसंबर को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिलेगा. बाराबंकी के छोटे गांव डलई का पुरवा निवासी बाल वैज्ञानिक पूजा पाल ने प्रसार भारती को बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए चुना गया है. यह पुरस्कार 26 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की ओर से राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित समारोह में प्रदान किया जाएगा. पुरस्कार वितरण के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विजेता बच्चों से संवाद करेंगे, जिसमें पूजा पाल भी शामिल होंगी.
गेहूं की मड़ाई में बिना धूल वाला थ्रेसर बनाया
कक्षा आठ की छात्रा पूजा पाल ने किसानों की समस्या को देखते हुए गेहूं की मड़ाई के दौरान थ्रेसर से निकलने वाली धूल कम करने के लिए धूल-रहित थ्रेसर का मॉडल विकसित किया. यह मॉडल उनके विज्ञान शिक्षक राजीव कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में तैयार किया गया और जिला, प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया. पूजा ने कहा कि वह अकसर देखती थीं कि गेहूं की मड़ाई के वक्त बहुत धूल निकलती थी, जिससे पर्यावरण में प्रदूषण फैलता था, जबकि लोगों को सांस लेने संबंधी बीमारियां भी होती हैं. इसके लिए उन्होंने बिना धूल निकालने गेहूं की मड़ाई करने वाले थ्रेसर को तैयार किया है.
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पहली तस्वीर में पिता पुत्तीलाल के साथ और दूसरी तस्वीर में शिक्षक राजीव और थ्रेसर मॉडल के साथ छात्रा पूजा पाल.
जून में जापान में अंतरराष्ट्रीय मंच पर मॉडल पेश किया
पूजा ने कहा कि उनके मॉडल को सराहना मिली है और अब उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए भी चुना गया है. बीते जून माह में भारत सरकार ने पूजा को जापान भेजकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर मॉडल प्रस्तुत करने का अवसर भी दिया. पूजा पाल का कहना है कि मेहनत, लगन और सही दिशा में सोच के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं. पूजा के पिता पुत्तीलाल ने बेटी की उपलब्धि पर खुशी जताई है. उनके शिक्षक राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि किसी शिक्षक के लिए यह गर्व का क्षण है जब छात्रा अपनी प्रतिभा से इस ऊंचाई तक पहुंचती है.