पंजाब में प्रतिबंध के बावजूद किसान धान की किस्म ‘पूसा-44’ की बुवाई कर रहे हैं. लेकिन इस बार राज्य सरकार ‘पूसा-44’ की खरीद नहीं करेगी. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ और स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि राज्य सरकार पानी ज्यादा खर्च करने वाली धान की किस्म ‘पूसा-44’ की खरीद नहीं करेगी. क्योंकि इस किस्म पर पहले ही बैन लगाया जा चुका है. उन्होंने कहा कि जो भी किसान इसे बोएगा, वह खुद जिम्मेदार होगा.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पहले ही किसानों को सलाह दे चुकी है कि वे कम समय में तैयार होने वाली किस्में जैसे PR 126, 127, 128 या PR 129 का इस्तेमाल करें. लेकिन पूसा-44 की बुआई न करें क्योंकि यह किस्म 152 दिन लेती है और पानी की बहुत ज्यादा खपत करती है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि कुछ किसान पड़ोसी राज्य हरियाणा से पूसा-44 के बीज लेकर इसकी नर्सरी तैयार कर रहे हैं. उन्होंने दोहराया कि इस किस्म की बुआई करने वाले किसानों की जिम्मेदारी खुद की होगी.
मुख्यमंत्री मान का बड़ा बयान
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब की असली पहचान उसके गांवों में बसती है, और अगर हम एक तरक्कीशील और खुशहाल पंजाब बनाना चाहते हैं, तो साफ-सुथरे और हरे-भरे गांवों का विकास जरूरी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में पहले से ही गंभीर प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि धुरी को एक मॉडल सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा, जहां हर दिशा में समग्र विकास होगा और इसके लिए भरपूर फंड की व्यवस्था की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र के गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी संसाधन पहले ही दिए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि विकास के लिए किसी भी चीज की कमी नहीं है, और राज्य सरकार हर संभव कोशिश कर रही है कि गांवों का चहुंमुखी विकास हो.
इन राज्यों से खरीद रहे हैं बीज
दरअसल, पंजाब सरकार ने ‘पूसा-44’ पर रोक लगा दी है, लेकिन इसके बावजूद लुधियाना सहित कई जिलों में कई किसान अभी भी ‘पूसा-44’ धान की खेती करने पर अड़े हुए हैं. ऐसे किसान अब हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से जैसे पड़ोसी राज्यों से ‘पूसा-44’ के बीज खरीद रहे हैं. इस वक्त राज्य में धान की बुवाई का समय चल रहा है. ऐसे में कृषि विभाग बीजों की बिक्री पर सख्त नजर रख रहा है.