आम, पपीता, लीची की खेती करने वालों को सरकार देगी बड़ी राहत, कीटनाशकों पर भारी छूट

इस योजना के तहत किसान अब कीटनाशकों के छिड़काव पर 50 फीसदी से 75 फीसदी तक की सब्सिडी पा सकते हैं. कृषि विभाग का मानना है कि छोटे किसानों को इससे फायदा मिल सकेगा.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 8 Jul, 2025 | 03:40 PM

अगर आप केला, पपीता, आम या लीची की खेती करते हैं, तो आपके लिए बिहार सरकार की नई योजना किसी खुशखबरी से कम नहीं. अब 4300 रुपये के कीटनाशक छिड़काव पर सिर्फ 2150 रुपये देने होंगे, बाकी की आधी रकम सरकार खुद देगी. राज्य सरकार का कहना है कि इसका मकसद खेती की लागत को कम करना और किसानों की आमदनी बढ़ाना है.

क्या है यह योजना?

बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय के अंतर्गत “पौधा सुरक्षा इकाई” ने वृक्षों और फलों की खेती के लिए एक कीट प्रबंधन योजना (Pest Management Plan) शुरू की है. इस योजना के तहत किसान अब कीटनाशकों के छिड़काव पर 50 फीसदी से 75 फीसदी तक की सब्सिडी पा सकते हैं.

किन फसलों पर मिलेगा फायदा?

यह योजना खासतौर पर उन फलों के लिए है जिनमें कीटों का खतरा ज्यादा होता है:

  • केला (Banana)
  • पपीता (Papaya)
  • आम (Mango)
  • लीची (Litchi)

इन फसलों पर सही समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करने से फसल की गुणवत्ता बढ़ेगी, पैदावार सुधरेगी और नुकसान कम होगा.

कितना खर्च, कितनी सब्सिडी?

बिहार सरकार ने फलों की फसलों पर कीटनाशक छिड़काव को सस्ता और प्रभावी बनाने के लिए फसलवार लागत और सब्सिडी की दर तय कर दी है. केला और पपीता की फसल के लिए पहले छिड़काव की कुल लागत 4,300 रुपये प्रति एकड़ रखी गई है, जिसमें किसान को सिर्फ आधी रकम यानी 2,150 रुपये ही खर्च करने होंगे. वहीं, दूसरे छिड़काव की लागत 4,000 रुपये प्रति एकड़ है, जिसमें किसान को सिर्फ 2,000 रुपये चुकाने होंगे.

आम के पेड़ों पर पहले छिड़काव की लागत 76 रुपये प्रति पेड़ है, जिसमें सरकार 57 रुपये की सब्सिडी देगी. दूसरे छिड़काव पर खर्च 96 रुपये प्रति पेड़ होगा और इसमें सरकार 72 रुपये की मदद देगी.

वहीं लीची के पेड़ों पर एक बार के छिड़काव की लागत 216 रुपये रखी गई है, जिसमें सरकार 162 रुपये तक की सब्सिडी देगी. इस पहल से किसानों की जेब पर बोझ कम होगा और फसलें कीटों से सुरक्षित रहेंगी.

किसानों को मिलेगा सीधा फायदा

बिहार सरकार ने कहा है कि इससे किसानों की उपज लागत घटेगी और कीटों से नुकसान कम होगा. इससे आमदनी बढ़ेगी और किसान रासायनिक दवाओं की गुणवत्ता वाली खपत से वाकिफ होंगे. पौधा सुरक्षा इकाई के अनुसार, पहले फेज में पपीता की 25 एकड़ भूमि को कवर करने का लक्ष्य तय किया गया है.

कैसे मिलेगा लाभ? ऐसे करें आवेदन

बिहार सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसके लिए उन्हें बिहार उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in पर जाना होगा. आवेदन करने के बाद किसानों के फॉर्म की जांच और सत्यापन किया जाएगा. इसके बाद संबंधित जानकारी पंजीकृत सेवा प्रदाताओं (Service Providers) को भेज दी जाएगी.

आवेदन प्रक्रिया

  • सबसे पहले https://horticulture.bihar.gov.in पर जाएं
  • वेबसाइट पर जाकर “योजनाएं” या “ऑनलाइन आवेदन” जैसे विकल्प पर क्लिक करें
  • यहां आपको “कीटनाशक छिड़काव पर अनुदान योजना” (Pest Management Plan) से संबंधित लिंक दिखाई देगा
  • अपनी खेती की जानकारी भरें (जैसे फसल का नाम, रकबा, स्थान)
  • आधार नंबर, मोबाइल नंबर और बैंक खाता विवरण जरूर भरें
  • फॉर्म को सावधानी से पूरा भरें और सबमिट करें

सेवा प्रदाता किसान के खेत पर जाकर खुद कीटनाशक छिड़काव करेंगे, जिससे किसानों को न तो दवा खरीदने की जरूरत पड़ेगी और न ही तकनीकी झंझटों में पड़ना होगा. यह पूरा कार्य प्रमाणित और प्रशिक्षित एजेंसियों के जरिए किया जाएगा, जिससे गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा और किसानों को समय पर लाभ मिल सकेगा.

सरकार क्यों लाई ये योजना?

बिहार कृषि विभाग का मानना है कि छोटे किसानों के लिए कीटनाशकों का छिड़काव एक महंगा सौदा होता है. कई बार किसान सस्ते और नकली कीटनाशक का इस्तेमाल कर लेते हैं, जिससे फसल तो बर्बाद होती ही है, जमीन भी खराब होती है.

 

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