शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के खेतों में चलाया ट्रैक्टर, किसानों से सीखी धान की डायरेक्ट सीडिंग

विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे पंजाब के खेतों में, खुद ट्रैक्टर चलाकर सीखी धान की डायरेक्ट सीडिंग तकनीक.

नोएडा | Published: 5 Jun, 2025 | 08:57 PM

देश के केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अब सिर्फ दफ्तरों में बैठकर फाइलें नहीं पलट रहे, बल्कि सीधे खेतों में उतरकर किसानों से सीख भी रहे हैं. कृषि मंत्री ने गुरुवार को पंजाब के पटियाला जिले में पहुंचकर खुद ट्रैक्टर चलाया और धान की ‘डायरेक्ट सीडिंग’ तकनीक का अनुभव भी लिया. खेत में किसानों के साथ संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब की मिट्टी जितनी उपजाऊ है, उतने ही मेहनती यहां के किसान हैं. ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत यह दौरा पूरी तरह जमीन से जुड़ा नजर आया.

पंजाब की धरती को किया नमन

पटियाला में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पंजाब देश की कृषि रीढ़ है. यहां की उपजाऊ मिट्टी और किसानों की मेहनत के कारण पूरा भारत अन्न से समृद्ध है. इतना ही नहीं उन्होंने पंजाब के पावन भूमि को नमन किया और कहा कि यहां के किसान हर रोज खेतों में इतिहास लिखते हैं. कृषि मंत्री ने किसानों की तारीफ करते हुए उन्हें देश की असली शक्ति बताया.

ट्रैक्टर चलाकर लिया डायरेक्ट सीडिंग का अनुभव

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान सिर्फ भाषण देने तक नहीं रुके. उन्होंने खेत में जाकर खुद ट्रैक्टर चलाया और धान की डायरेक्ट सीडिंग तकनीक को अपनाने का अनुभव साझा किया. इस दौरान ट्रैक्टर पर उनके साथ कई किसान भी बैठे थे, जबकि आसपास भारी संख्या में किसान इकट्ठा होकर उन्हें देखकर नारेबाजी कर रहे थे,’कृषि मंत्री जिंदाबाद’ जवाब में कृषि मंत्री ने भी ‘किसान जिंदाबाद’ के नारे लगाए और माहौल भावनात्मक हो गया.

‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत दौरा

यह पूरा कार्यक्रम ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का हिस्सा था, जिसके तहत देशभर में किसानों से सीधा संवाद और नई तकनीकों को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने इस मौके पर किसानों से बातचीत की, उनकी समस्याएं सुनीं और केंद्र सरकार की योजनाओं की भी जानकारी दी.

नीतियों में उतारने का संकेत

कृषि मंत्री ने संकेत दिया कि अब किसान की जमीन से जो सीखा जाएगा, वही आगे की नीतियों की नींव बनेगा. उन्होंने यह भी कहा कि डायरेक्ट सीडिंग जैसी तकनीकों को देशभर में प्रचारित किया जाएगा ताकि पानी की बचत हो और उत्पादन बढ़े.