खेती-किसानी के काम को आसान और कम खर्चीला बनाने के लिए बिहार सरकार ने एक बड़ी पहल की है. अब खेतों में आधुनिक कृषि यंत्रों की सुविधा छोटे और सीमांत किसानों को भी मिल सकेगी, वो भी भारी सब्सिडी के साथ. राज्य सरकार की ओर से फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत 10 लाख रुपये की लागत से एक यूनिट बनाई जाएगी, जिसमें सरकार अधिकतम 8 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी. यह पहल खेती के हर चरण को तकनीक से जोड़ने और किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में अहम मानी जा रही है.
किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम
राज्य के माननीय उप मुख्यमंत्री और सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि लघु और सीमांत किसानों को खेती के हर स्तर पर सहयोग देने के लिए कृषि रोड मैप के तहत फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना की जा रही है. इसका उद्देश्य यह है कि जुताई, बुआई, रोपाई, कटाई से लेकर थ्रेसिंग तक, हर कृषि कार्य के लिए जरूरी आधुनिक यंत्र किसानों को कम लागत पर मिल सकें.
कैसे काम करेगा फार्म मशीनरी बैंक
फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए 10 लाख रुपये की लागत तय की गई है, जिसमें सरकार 80 प्रतिशत यानी अधिकतम 8 लाख रुपये की आर्थिक मदद दे रही है. हर बैंक में स्थानीय फसल चक्र को देखते हुए यंत्रों का चयन किया जाएगा. खास बात यह है कि प्रत्येक बैंक में कम-से-कम एक-एक ट्रैक्टर चालित या स्वचालित यंत्र रखना अनिवार्य होगा.
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ
यह योजना केवल व्यक्तिगत किसानों के लिए नहीं है, बल्कि इसमें सामूहिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है. जीविका समूह, ग्राम संगठन, क्लस्टर फेडरेशन, किसान उत्पादक संगठन (FPO), किसान क्लब, स्वयं सहायता समूह (SHG) और पैक्स जैसी संस्थाएं इस योजना के तहत आवेदन कर सकती हैं. इन संस्थाओं के माध्यम से आधुनिक यंत्र गांव-गांव तक पहुंचेंगे, जिससे अधिकतम किसानों को फायदा मिल सकेगा.
569 फार्म मशीनरी बैंक स्थापना
राज्य में अब तक 569 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए जा चुके हैं, जो पहले से ही किसानों की सहायता कर रहे हैं. आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में 38 नए मशीनरी बैंक खोलने का लक्ष्य तय किया गया है. यह योजना न सिर्फ किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ेगी, बल्कि खेती की लागत को घटाकर उत्पादकता बढ़ाने में भी मदद करेगी.