केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने नागपुर को ‘क्लीन प्लांट’ प्रोजेक्ट में शामिल किया है, जिसका मकसद किसानों को बीमारियों से मुक्त पौध (बीज व पौधों की कलमें) उपलब्ध कराना है, ताकि पैदावार बढ़ाई जा सके. साथ ही इस योजना के तहत देशभर में कुल 9 क्लीन प्लांट सेंटर्स बनाए जाएंगे, जिनमें से 3 महाराष्ट्र में होंगे. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुणे में इस प्रोजेक्ट की घोषणा करते हुए कहा कि पुणे में अंगूर, नागपुर में संतरे और सोलापुर में अनार के लिए क्लीन प्लांट सेंटर शुरू किया जाएगा. यह 300 करोड़ रुपये की योजना है, जो देशभर में नर्सरियों को मजबूत बनाएगी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार बड़ी नर्सरियों को 3 करोड़ रुपये और मीडियम नर्सरियों को 1.5 करोड़ रुपये की सहायता देगी. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इन नर्सरियों के ज़रिए हर साल किसानों को 8 करोड़ बीमारियों से मुक्त पौधे मिलेंगे. इस योजना को लागू करने में इज़राइल और नीदरलैंड जैसे देशों से तकनीकी सहयोग भी लिया जाएगा.
किसानों तक नहीं पहुंच पाती जानकारी
उन्होंने आगे कहा कि वैज्ञानिक अपने लैब में अच्छे बीज बनाने, उत्पादन बढ़ाने और बीमारियों की पहचान करने का काम करते हैं. लेकिन उनकी शोध की जानकारी समय पर किसानों तक नहीं पहुंच पाती. इस दूरी को कम करने के लिए सरकार ‘लैब से खेत तक’ कार्यक्रम के जरिए वैज्ञानिकों और किसानों को जोड़ने की कोशिश कर रही है.
16,000 वैज्ञानिक किसानों के साथ काम करेंगे
चौहान ने कहा कि केंद्रीय सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है कि देश भर के 16,000 वैज्ञानिक अपनी लैब से बाहर आकर सीधे किसानों और कृषि विभाग के साथ काम करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा गलतफहमी है कि युवा कृषि क्षेत्र में काम नहीं करना चाहते. युवाओं को अपनी स्किल्स का इस्तेमाल करके कृषि में स्टार्टअप शुरू करना चाहिए.
अच्छे बीज विकसित करना बहुत जरूरी
चौहान ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए ऐसे बीज विकसित करना जरूरी है जो बदलते माहौल में भी टिक सकें. उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार किसानों की हर समस्या का समाधान करने के लिए पूरी मेहनत करेगी.