देश में चालू खरीफ सीजन के दौरान खाद की जमाखोरी और ब्लैक मार्केटिंग के 145 मामले दर्ज किए गए हैं. यह जानकारी केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद में दी. रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा कि सबसे ज्यादा कार्रवाई उत्तर प्रदेश में हुई, जहां 47 एफआईआर (44 ब्लैक मार्केटिंग और 3 जमाखोरी के मामले) दर्ज की गई हैं . इसके बाद बिहार में 18 और महाराष्ट्र में 15 मामले दर्ज किए गए हैं.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी तरह नागालैंड में 14 केस दर्ज किए गए हैं. जबकि, तमिलनाडु, तेलंगाना, गोवा, गुजरात, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में कुछ छिटपुट मामले सामने आए हैं. हालांकि, इसके बावजूद भी सभी राज्यों में खाद की कालाबाजारी को रोकने के लिए सरकार कार्रवाई कर रही है. इसके लिए लगातार खाद दुकानों और गोदामों में छापेमारी की जा रही है.
पंजाब में 47 शोकॉज नोटिस जारी
खास बात यह है कि खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए पंजाब में सरकार कुछ ज्यादा ही सख्त दिख रही है. पंजाब में 1 अप्रैल से 1 अगस्त तक 2,323 निरीक्षण किए गए, जिनमें एक मामला जमाखोरी का सामने आया और एफआईआर दर्ज हुई. वहीं, हरियाणा में 4,133 निरीक्षण हुए, 47 शोकॉज नोटिस जारी किए गए, 3 लाइसेंस रद्द किए गए और एक जमाखोरी और एक ब्लैक मार्केटिंग के मामले में 2 एफआईआर दर्ज हुई.
इस नियम के तहत होती है कार्रवाई
वहीं, केंद्रीय मंत्री का कहना है कि खाद को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत जरूरी वस्तु माना गया है. इसे फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर (FCO), 1985 और फर्टिलाइजर (मूवमेंट कंट्रोल) ऑर्डर, 1973 के जरिए नियंत्रित किया जाता है. इन कानूनों के तहत राज्य सरकारों को जमाखोरी या ब्लैक मार्केटिंग में शामिल किसी भी व्यक्ति या डीलर पर कार्रवाई करने का अधिकार है.
पूरे देश में कुल 1,58,128 निरीक्षण किए गए
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल से 1 अगस्त 2025 तक देशभर में कुल 1,58,128 निरीक्षण किए गए. इन निरीक्षणों के बाद 2,811 शोकॉज नोटिस जारी किए गए, 2,695 लाइसेंस सस्पेंड या रद्द किए गए और 145 एफआईआर दर्ज हुईं, जिनमें से 5 मामले जमाखोरी से जुड़े थे. इन 5 मामलों में से एक केस पंजाब में दर्ज किया गया है.
गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक
गौरतलब है कि जुलाई में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में उन्होंने नकली और घटिया खाद की बिक्री पर सख्त और तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. इस पत्र का मकसद देशभर में नकली खाद की बिक्री, सब्सिडी वाली खाद का काला बाजार और जबरन टैगिंग जैसी गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक लगाना था.