हरियाणा में किसानों ने बारिश में खराब हुई फसल की भरपाई करने से बीमा कंपनी के इनकार पर आंदोलन की चेतावनी दी है. किसानों ने कहा कि मॉनसून के दौरान घग्घर नदी समेत अन्य कैनाल और नालों का जलस्तर बढ़ने से उनके खेतों में जलभराव हो गया, जिससे खेत में खड़ी फसल खराब हो गई. कई हफ्तों तक पानी नहीं हटने से फसल खेत में ही सड़ गई. किसानों ने नुकसान की भरपाई के लिए बीमा क्लेम किया. कई सप्ताह बाद बीमा कंपनी ने मुआवजा देने से इनकार कर दिया है.
हरियाणा के फतेहाबाद जिले कई कई गावों के किसानों ने बीमा क्लेम खारिज करने का आरोप लगाया है. रिपोर्ट के अनुसार जिले के गांव खारा खेड़ी के किसानों ने कहा कि मानसून के दौरान अत्यधिक बारिश से प्रभावित कुछ किसानों को बीमा कंपनी की ओर से मुआवजा मिलना शुरू हुआ है. जिन किसानों की फसलें जलभराव के कारण नष्ट हो गई थीं, उन्हें बीमा कंपनी ने फसल बीमा योजना के तहत राशि जारी की है. अब तक इलाके के 465 किसानों के खातों में कुल दो करोड़ रुपये की राशि डाली गई है.
किसानों ने कहा कि बड़ी संख्या में किसान ऐसे हैं जिनकी फसल बर्बादी का मुआवजा नहीं दिया गया है. जानकारी करने पर बीमा कंपनी की ओर से बीमा क्लेम की जांच और फसल नुकसान का आकलन किया जा रहा है, इसके बाद निर्णय लिया जाएगा. वहीं, किसानों ने कहा कि कई किसानों को बीमा कंपनी से जुड़े अधिकारियों ने बीमा क्लेम देने से इनकार किया है. किसानों ने बीमा कंपनी के साथ ही जिले के कृषि उप निदेशक से मामले की शिकायत की है.
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बीमा कंपनियों ने कहा ऐसे मामले कवर नहीं होते हैं
कृषि विभाग के अनुसार 465 किसानों को खरीफ फसल बीमा के रूप में राशि दी गई है, जिनकी फसलें जून महीने के आसपास बीमित की गई थीं. कुछ किसानों को बीमा राशि मिलने के बावजूद निराशा का सामना करना पड़ा, क्योंकि बीमा कंपनियों ने सेमग्रस्त भूमि (जलभराव और खारी मिट्टी होने) के किसानों के दावों को ठुकरा दिया है. बीमा कंपनियों का कहना है कि सेमग्रस्त की समस्या उनके पॉलिसी के तहत कवर नहीं की जाती है.
किसानों ने सरकार और बीमा कंपनियों की मिलीभगत का आरोप लगाया
फतेहाबाद जिले के गांव खारा खेड़ी के खेतों में बारिश के बाद पानी भरा रहा है, जिससे फसल नहीं हो सकी. किसानों का आरोप है कि बीमा कंपनियां और सरकार मिलकर उन्हें प्राकृतिक आपदा के बावजूद राहत नहीं दे रहे हैं. कई गांवों के सेमग्रस्त भूमि के किसानों में गहरी निराशा है, क्योंकि बीमा कंपनियों ने उनकी फसलों का बीमा करने से साफ इनकार कर दिया है. किसानों का कहना है कि प्राकृतिक आपदा के चलते हुए नुकसान के बावजूद उन्हें बीमा राशि से वंचित किया जा रहा है. कुछ किसानों की बीमा राशि, जो पहले उनके खातों में डाली गई थी, बाद में लौटा दी गई है.
नाराज किसानों ने कहा नुकसान की भरपाई नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे
किसान नेताओं का आरोप है कि सरकार और बीमा कंपनियां मिलकर उन्हें जानबूझकर बीमा योजना का लाभ नहीं दे रही हैं. उन्होंने सरकार से यह मांग की है कि सेमग्रस्त गांवों के किसानों के लिए विशेष दिशानिर्देश जारी किए जाएं, ताकि प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे किसानों को भी फसल बीमा का पूरा लाभ मिल सके. अगर शीघ्र निर्णय नहीं लिया जाता है और फसल नुकसान की भरपाई नहीं होती है तो किसान आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.
बाकी किसानों के खाते में मार्च तक राशि डालने का आश्वासन
इस मामले में हरियाणा के फतेहाबाद जिले के कृषि एवं कल्याण विभाग की ओर से कहा गया है कि जिन किसानों को राशि नहीं मिली है उनके बीमा क्लेम और फसल नुकसान की जांच प्रक्रिया अभी जारी है. विभाग की ओर से किसानों को आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही बीमा क्लेम सत्यता की जांच पूरी होते ही मार्च तक सभी पात्र किसानों के खातों में राशि डाली जाएगी.