हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में आयोजित रबी कृषि मेले का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने पशुपालकों, महिला उद्यमियों और ग्रामीण विकास से जुड़ी कई योजनाओं की शुरुआत की. कार्यक्रम में किसानों और उद्यमियों को सीधी राहत देने वाले फैसले किए गए.
देसी गायों और मुर्राह विकास योजना को बढ़ावा
देसी गायों के संरक्षण और विकास को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना की शुरुआत की गई है. इसके अंतर्गत 50 पशुपालकों को 40-40 हजार रुपये तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई. इस कदम से पशुपालकों को आर्थिक मजबूती मिलेगी और वे पशुपालन को बेहतर ढंग से आगे बढ़ा सकेंगे. साथ ही, देसी नस्लों के संरक्षण को नई ऊर्जा और पहचान भी मिलेगी. यह योजना न सिर्फ पशुपालकों की आय बढ़ाने में मदद करेगी बल्कि पारंपरिक नस्लों को सुरक्षित रखने का भी माध्यम बनेगी. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पशुपालन क्षेत्र दोनों को मजबूती मिलेगी.
महिला उद्यमियों को मिला सहारा
कार्यक्रम के दौरान 75 महिला उद्यमियों को डेयरी स्थापना के लिए स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए. यह कदम ग्रामीण महिलाओं (Rural Women) को आत्मनिर्भर बनाने और डेयरी क्षेत्र में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सरकार का मानना है कि महिलाओं की भागीदारी से डेयरी क्षेत्र को नई मजबूती मिलेगी और उत्पादन के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. इससे न केवल ग्रामीण महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, बल्कि परिवार और समाज के विकास में भी उनका योगदान और अधिक प्रभावी हो सकेगा. यह पहल महिला सशक्तिकरण की मजबूत मिसाल बनेगी.
नए भवन और सुविधाओं का उद्घाटन
सीएम सैनी ने विश्वविद्यालय परिसर में दत्तोपंत ठेंगड़ी कृषि उद्यमिता स्थल का उद्घाटन किया. इसके साथ ही कल्पना चावला महिला छात्रावास और देवी अहिल्या बाई होलकर महिला छात्रावास का भी उद्घाटन किया गया. इससे छात्रों और उद्यमियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.
हर घर छांव-हर घर फल योजना
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने हर घर छांव-हर घर फल योजना का भी शुभारंभ किया. इस योजना के तहत प्रदेश के 22 जिलों के 110 गांवों में 55,000 फलदार पौधे निःशुल्क वितरित किए जाएंगे. यह पहल ग्रामीण पर्यावरण और पोषण सुरक्षा दोनों के लिए अहम मानी जा रही है.
किसानों और ग्रामीणों में उत्साह
कृषि मेले में बड़ी संख्या में किसान, पशुपालक और महिला उद्यमी शामिल हुए. मुख्यमंत्री की घोषणाओं से ग्रामीणों में उत्साह देखा गया. किसानों ने इसे खेती, पशुपालन और उद्यमिता के लिए नई संभावनाओं का द्वार बताया.
योजनाओं से होगा बहुआयामी विकास
इन योजनाओं से न केवल किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. महिलाओं की भागीदारी और पौधों के वितरण से रोजगार और पर्यावरण संरक्षण दोनों को बढ़ावा मिलेगा.