ग्रामीण महिलाओं के विकास और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की मंशा से केंद्र सरकार ने बिहार में राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का गठन किया गया है, जिसका उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने किया है. केंद्र सरकार की इस योजना के लिए 105 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इस संघ का गठन बिहार के ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं को रोजगार परक कारोबार या पशुपालन और खेती या फिर गांव स्तर पर रोजगार शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी. केंद्र सरकार द्वारा शुरु किए गए इस संगठन का उद्देश्य प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत और सशक्त बनाना है, ताकि वे अपने पैरों पर खड़े होकर आत्मनिर्भर बन सकें.
सहकारी संस्थानों को दी गई राशि
बिहार की ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा बनाई गए इस संघ के लिए नए सहकारी संस्थान के बैंक खाते में 105 करोड़ रुपये की राशि सीधे भेजी गई है. बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड की मदद से प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं को सस्ती दरों पर आसानी से वित्तीय सहायता दी जाएगी. सहकारी बैंक के माध्यम से इन महिलाओं को कम ब्याज दरों पर लोन आदि मुहैया कराए जाएंगे ताकि महिलाओं अपने लिए रोजगार परक कारोबार, पशुपालन, खेती या आमदनी के लिए गांव स्तर पर किसी व्यवसाय की शुरुआत कर सकें.
बिहार सरकार की ‘जाविका’ कार्यक्रम से जुड़ा है संघ
केंद्रे सरकार द्वारा बनाए गए नए सहकारी संगठन को मुख्य रूप से बिहार सरकार की ‘जाविका’ नामक ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं के लिए बनाया गया है. इसका उद्देश्य गांव की महलिाओं को खुद से रोजगार के मौके बनाने, उन्हें ट्रेनिंग देने और आत्मिनिर्भर बनने के अवसर देना है. बता दें कि, सरकार की इस पहल से प्रदेश की हजारों महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर अपने इच्छा अनुसार कामों में ट्रेनिंग लेकर खुद को सशक्त कर सकेंगी.
संगठन से जुड़ेंगे सभी छोटे महिला समूह
केंद्र सरकार की ग्रामीण महिलाओं के लिए बनाए गए इस संगठन का हिस्सा वे सभी क्लस्टर-स्तरीय फेडरेशन होंगे जो प्रदेश सरकार की जीविका मिशन के तहत पंजीकृत हैं. इस तरह से जीविका से जुड़े हर छोटे-छोटे महिला समूह अब मिलकर एक बड़ी सहकारी ताकत बन जाएंगे. क्योंकि सभी छोटे महिला समूह इस संगठन का हिस्सा होंगे तो महिलाओं को योजना के तहत दिए जाने वाले सभी लाभ पारदर्शी होंगे और इनमें किसी भी तरह की गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं होगी. बता दें कि, इस पहल को बिहार और केंद्र सरकार ने संयुक्त रूप से वित्त पोषित किया है, जिसे ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.