झुंझुनूं समेत राजस्थान के उन लघु और सीमांत किसानों के लिए राहत की खबर है, जो आज भी पारंपरिक तरीके से बैलों से खेती करते हैं. राज्य सरकार की ओर से ऐसे किसानों को 30 हजार रुपये तक की प्रोत्साहन राशि देने की योजना है. अब इस योजना के नियमों को सरल बनाते हुए जरूरी बदलाव किए गए हैं, जिससे अधिक से अधिक किसान इसका लाभ ले सकें.
खरीफ की बुवाई के दौरान आधा सीजन निकल चुका है, लेकिन तकनीकी कारणों से अब तक किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया. अब सरकार ने किसानों की परेशानी को समझते हुए आवेदन की प्रक्रिया को आसान बना दिया है.
अब नहीं चाहिए बीमा पॉलिसी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पहले इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को अपने बैलों का बीमा कराना अनिवार्य था और बीमा पॉलिसी की कॉपी भी आवेदन के साथ अपलोड करनी होती थी. लेकिन अब सरकार ने इस शर्त को हटा दिया है. इसका मतलब यह हुआ कि जिन किसानों के पास बीमा नहीं है, वे भी इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं. यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि बहुत से किसान बीमा कराने में असमर्थ थे और ऑनलाइन प्रक्रिया के चलते आवेदन नहीं कर पा रहे थे. इससे योजना का लाभ बहुत सीमित किसानों तक ही पहुंच पा रहा था.
अब ऑनलाइन नहीं, सीधे हाथ से भरें फॉर्म
राज्य सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि जब तक ‘राज किसान साथी’ पोर्टल चालू नहीं होता, तब तक किसानों से ऑफलाइन आवेदन लिए जाएंगे. पहले केवल ऑनलाइन आवेदन की सुविधा थी, लेकिन वेबसाइट अभी तक पूरी तरह तैयार नहीं हो पाई है. ऐसे में खरीफ की आधी फसल का समय बीत चुका है और किसान योजना के लाभ से वंचित रह गए. अब जिला मुख्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों से ऑफलाइन फॉर्म भरवाकर आवेदन जमा करें.
दस्तावेज जमा होंगे, बाद में पोर्टल पर होंगे अपलोड
अभी ‘राज किसान साथी’ पोर्टल बंद है, इस वजह से आवेदन ऑनलाइन अपलोड नहीं हो पा रहे हैं. कृषि विभाग का कहना है कि ऑफलाइन लिए गए आवेदन की कॉपी को सुरक्षित रखा जाएगा. जैसे ही पोर्टल चालू होगा, सारे दस्तावेज उसमें अपलोड कर दिए जाएंगे. इस दौरान किसानों को अधिसूचना में बताए गए अन्य दस्तावेज जरूर पूरे करने होंगे. यानी आधार कार्ड, खाता विवरण, ज़मीन के कागज़ और खेती में बैल उपयोग करने का प्रमाण जैसी जानकारी देनी होगी.
अब ज्यादा किसान योजना से जुड़ सकेंगे
राज्य सरकार ने बजट में यह योजना इस सोच के साथ लाई थी कि पारंपरिक खेती को बढ़ावा मिले और जो किसान आज भी बैलों से मेहनत कर रहे हैं, उन्हें आर्थिक मदद दी जा सके. लेकिन पोर्टल तैयार न होने और सख्त नियमों के कारण अब तक आवेदन नहीं आ पाए. समीक्षा बैठक में यह बात सामने आने के बाद सरकार ने नियमों में ढील दी है, जिससे अधिक किसान इसका लाभ ले सकें. उम्मीद की जा रही है कि अब बड़ी संख्या में आवेदन आएंगे और जिन किसानों ने अब तक आधुनिक संसाधनों की कमी के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठाया, उन्हें इस योजना से राहत मिलेगी.
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