अब किसानों की मिनिमम कमाई होगी 1 लाख रुपये, सरकार ने बनाई गजब की पॉलिसी

आंध्र प्रदेश सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए बागवानी खेती को बढ़ावा दे रही है. मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने निर्देश दिए कि किसानों की आय प्रति एकड़ सालाना 1 लाख रुपये सुनिश्चित हो.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 14 May, 2025 | 12:23 PM

आंद्र प्रदेश के किसानों की कमाई में बढ़ोतरी होने वाली है. यहां किसानों की मिनिमम कमाई एक लाख रुपये होगी. इसके लिए राज्य सरकार ने गजब की रणनीति तैयार की है. मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य के सभी क्षेत्रों (गोदावरी और कृष्णा डेल्टाओं को छोड़कर) में बागवानी खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जाए. उन्होंने कहा है कि किसानों को प्रति एकड़ कम से कम 1 लाख रुपये की सालाना आमदनी मिलनी चाहिए.

दरअसल, मंगलवार को सचिवालय में बागवानी के ऊपर समीक्षा बैठक हुई थी. इस बैठक में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि राज्य में 11 प्रमुख फसलों मिर्च, केला, आम, ऑयल पाम, कोको, ड्रैगन फ्रूट, काजू, कॉफी, नारियल, टमाटर और प्याज के आधार पर 24 बागवानी क्लस्टर विकसित किए जाएं, ताकि किसानों को पूरी तरह से सहायता मिल सके. उन्होंने कहा है कि इस समय राज्य में 18.23 लाख हेक्टेयर में बागवानी की जा रही है, जिसे अगले पांच सालों में दोगुना किया जाना चाहिए.

कोको और नारियल की खेती

उन्होंने कहा कि ऑयल पाम, कोको और नारियल की बढ़ती मांग को देखते हुए किसानों को इन फसलों की खेती के लिए जागरूक किया जाए. मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि दुनिया में कोको की खेती का सिर्फ 1 फीसदी से भी कम हिस्सा भारत में होता है. इसलिए ग्लोबल बाजार की मांग का फायदा उठाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि कोको की खेती कम से कम एक लाख एकड़ में की जानी चाहिए. साथ ही, किसानों को फसल की कटाई के बाद उसकी गुणवत्ता बनाए रखने की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए.

प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रोत्साहन

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि किसानों को छोटे स्तर पर प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके. उनका जोर इस बात पर था कि किसानों की उपज का मूल्य बढ़ाना चाहिए. इसके साथ ही, केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से दी जा रही माइक्रो-इरिगेशन (सूक्ष्म सिंचाई) सब्सिडी का पूरा लाभ किसानों को मिलना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रिप इरिगेशन सिस्टम के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और छोटे किसानों को प्राथमिकता दी जाए. जिनके पास पहले से ड्रिप इरिगेशन है, उनके लिए ऑटोमेशन इक्विपमेंट लगवाए जाएं ताकि पानी और खाद का इस्तेमाल स्मार्ट तरीके से हो सके. उन्होंने कहा कि किसानों को यह समझाना जरूरी है कि यह तकनीक कैसे उनके पानी और खाद की बचत कर सकती है.

किसानों में 32 करोड़ रुपये बांटे गए

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि राज्य के सभी जिलों में हर महीने बागवानी क्षेत्र की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए सम्मेलन (क्लेव) आयोजित किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 10,000 हेक्टेयर में फल की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी पर 32 करोड़ रुपये के फल कवर (फ्रूट कवर) बांटे गए हैं. इस पहल से किसानों को करीब 120 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी हुई है. इस बैठक में कृषि मंत्री के. अचनायडू, एग्रीकल्चर मिशन कॉरपोरेशन के चेयरमैन मरेड्डी श्रीनिवास रेड्डी और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.

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Published: 14 May, 2025 | 12:18 PM

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