कामधेनु योजना से डेयरी कैपिटल बनेगा मध्य प्रदेश, किसानों और पशुपालकों को मिलेंगे ये फायदे

मध्यप्रदेश सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना शुरू की है. योजना में किसानों को 25 दुधारू पशु इकाई दी जाएगी. अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग को विशेष अनुदान मिलेगा. इससे ग्रामीण क्षेत्र में खुशहाली और आय बढ़ेगी.

नोएडा | Published: 10 Sep, 2025 | 06:44 PM

मध्यप्रदेश सरकार लगातार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है. खेती के साथ-साथ पशुपालन को भी आय का मजबूत साधन बनाने पर सरकार खास ध्यान दे रही है. इसी कड़ी में डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना शुरू की गई है, जिसके तहत पशुपालकों को दुधारू पशुओं की इकाई उपलब्ध कराई जाएगी. इस योजना का मकसद गांव-गांव में खुशहाली लाना और मध्यप्रदेश को देश का डेयरी कैपिटल बनाना है.

क्या है कामधेनु योजना?

इस योजना के तहत पात्र पशुपालकों को 25 दुधारू पशुओं की इकाई उपलब्ध कराई जाएगी. इनमें गाय और भैंस दोनों शामिल हो सकते हैं. इसके लिए किसानों को विशेष प्रशिक्षण और तकनीकी मदद भी दी जाएगी. योजना का मुख्य उद्देश्य दुग्ध उत्पादन बढ़ाना और किसानों की आय को दोगुना करना है.

सबको मिलेगा अनुदान, विशेष वर्ग को ज्यादा लाभ

  • योजना में सबके लिए अनुदान की व्यवस्था की गई है.
  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लाभार्थियों को 33 प्रतिशत तक का अनुदान मिलेगा.
  • अन्य वर्गों को 25 पीसदी तक का अनुदान दिया जाएगा.
  • इससे हर वर्ग के पशुपालक को फायदा मिलेगा और वे कम पूंजी में ज्यादा मुनाफा कमा पाएंगे.

डेयरी कैपिटल बनाने की दिशा में बड़ा कदम

मध्यप्रदेश सरकार का सपना है कि आने वाले वर्षों में राज्य को देश का डेयरी कैपिटल बनाया जाए. इस योजना से दूध उत्पादन बढ़ेगा, डेयरी उद्योग मजबूत होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे. इससे गांव की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा और युवाओं को भी रोजगार मिलेगा.

गांव-गांव में खुशहाली लाने का प्रयास

कामधेनु योजना का लक्ष्य सिर्फ दूध उत्पादन बढ़ाना ही नहीं, बल्कि ग्रामीण स्तर पर खुशहाली लाना भी है. दूध और उससे जुड़े उत्पाद जैसे दही, पनीर, घी आदि की बिक्री से पशुपालक परिवार की आमदनी बढ़ेगी. इससे गांव-गांव में समृद्धि आएगी और किसानों का जीवन स्तर ऊंचा होगा.

किसानों और पशुपालकों के लिए सुनहरा मौका

यह योजना किसानों और पशुपालकों  के लिए एक सुनहरा अवसर है. सरकार की तरफ से अनुदान मिलने से उन्हें आर्थिक बोझ कम उठाना पड़ेगा. साथ ही तकनीकी मदद और पशुओं की देखभाल के लिए मार्गदर्शन भी दिया जाएगा. इससे न सिर्फ पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि युवा भी इस क्षेत्र की ओर आकर्षित होंगे.

Published: 10 Sep, 2025 | 06:44 PM