Telangana News: तेलंगाना सरकार ने खरीफ 2025 में रिकॉर्ड 148.03 लाख मीट्रिक टन धान उत्पादन का अनुमान लगाया है. इसके साथ ही राज्य सरकार धान खरीद की तैयारियों में जुट गई है. किसानों को क्रय केंद्र पर किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसका पूरा खयाल रखा जाएगा. राज्य सरकार का निर्देश है कि खरीदे गए धान का रिकॉर्ड तुरंत दर्ज किया जाए और किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान कर दिया जाए. साथ ही, सरकार ने यह भी कहा है कि एमएसपी के साथ-साथ बारीक धान पर 500 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस भी दिया जाएगा.
सिंचाई और नागरिक आपूर्ति मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों से अनाज खरीद की प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाया जाए. कृषि मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव और मुख्य सचिव के. रामकृष्ण राव के साथ मंत्री ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिलाधिकारियों से तैयारियों की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए फील्ड स्तर के अधिकारी सतर्क रहें और किसानों को मंडियों में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो.
भंडारण और परिवहन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश
खास बात यह है कि तेलंगाना सरकार ने खरीफ सीजन में किसानों से खरीदे जा रहे अनाज के भंडारण और परिवहन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसानों को मंडियों में अनावश्यक इंतजा न करना पड़े. जिलाधिकारियों को जरूरत पड़ने पर जरूरी सुविधाएं जुटाने के लिए अतिरिक्त खर्च करने की छूट दी गई है. मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह किसान हितैषी है और बाकी राज्यों की तुलना में यहां सबसे तेजी से फसल की खरीद की जा रही है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पिछली बार रबी सीजन में जैसी सफल खरीद हुई थी, वैसी ही व्यवस्था इस बार भी सुनिश्चित की जाए और मिलर्स के साथ बेहतर तालमेल बनाकर किसानों को किसी तरह की परेशानी न होने दी जाए.
राज्य स्तर पर प्रशासन 24 घंटे रहेगा उपलब्ध
जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अगर खरीद प्रक्रिया में किसी तरह की दिक्कत आती है तो वे तत्काल सिविल सप्लाई कमिश्नर से संपर्क करें. इसके अलावा, राज्य स्तर पर प्रशासन 24 घंटे उपलब्ध रहेगा, ताकि किसी भी समस्या का तुरंत समाधान किया जा सके. मंत्री ने यह भी कहा कि जिलों के सिविल सप्लाई अधिकारी और कलेक्टर खुद फील्ड पर मौजूद रहकर पूरे खरीद प्रक्रिया की निगरानी करें, ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो और काम सुचारु रूप से चले.